Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान रंग विशेष धार्मिक महत्व होता है। इन नौ दिनों में मां के प्रत्येक स्वरूप के अनुसार एक विशेष रंग धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, कुछ रंग ऐसे भी होते हैं जिनसे परहेज करना चाहिए क्योंकि उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है।
Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का पर्व बहुत ही पावन और सभ्य तरीके से मनाया जाता है। चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना रहता है। 22 सितंबर से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें भक्त मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं और उनसे सुख, समृद्धि तथा बुद्धि की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं। नवरात्रि के दौरान रंग विशेष धार्मिक महत्व होता है। इन नौ दिनों में मां के प्रत्येक स्वरूप के अनुसार एक विशेष रंग धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, कुछ रंग ऐसे भी होते हैं जिनसे परहेज करना चाहिए क्योंकि उन्हें नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है।
नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की विशेष पूजा की जाती है। भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। वे नवरात्रि के दौरान निर्धारित रंगों के वस्त्र पहनकर पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि उनके जीवन में धन-धान्य की कभी कमी न हो और माँ भवानी की कृपा सदैव उनके ऊपर बनी रहे।
हिंदू धर्म में काले रंग को अशुभ और नकारात्मकता का प्रतीक समझा गया है। मान्यता है कि यह रंग वातावरण में उदासी और भारीपन पैदा करता है, जिससे पूजा का पवित्र माहौल प्रभावित हो सकता है। यही कारण है कि नवरात्रि जैसे शुभ पर्व पर काले वस्त्र धारण करने की मनाही होती है। भक्त इन पावन दिनों में उज्ज्वल और सकारात्मक ऊर्जा वाले रंग पहनकर मां को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
नवरात्रि में हर दिन एक विशेष रंग पहनना न केवल देवी मां को प्रसन्न करता है बल्कि जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
| दिन | रंग |
|---|---|
| पहला दिन | नारंगी रंग |
| दूसरा दिन | सफेद रंग |
| तीसरा दिन | लाल रंग |
| चौथा दिन | गहरा नीला रंग |
| पांचवा दिन | पीला रंग |
| छठा दिन | हरा रंग |
| सातवां दिन | ग्रे रंग |
| आठवां दिन | बैंगनी रंग |
| नौवां दिन | मोरपंखी हरा रंग |