Standing While Eating: अगर किचन या ऑफिस पैंट्री में खड़े-खड़े खाना- खाना यही आपकी रोज की आदत है, तो सावधान हो जाएं। क्योंकि ये आपके डाइजेशन, भूख और मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुंचाता है। आइए जानें, खड़े होकर खाने से शरीर के अंदर क्या-क्या असर होता है और सही तरीका क्या है?
Standing While Eating: कभी किचन में खड़े-खड़े दो निवाला खा लिया, तो कभी ऑफिस में लैपटॉप पर काम करते समय लंच खत्म कर दिया। अगर ये सब आपको नॉर्मल लग रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं। आजकल ज्यादातर लोग ऐसे ही खाना खा लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यही आदत आपके शरीर के अंदर क्या-क्या बिगाड़ रही है? खड़े होकर खाना सिर्फ एक छोटी सी आदत नहीं है, बल्कि इसका असर आपके डाइजेशन, भूख और मेटाबॉलिज्म पर धीरे-धीरे पड़ता रहता है।
आज की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में खड़े होकर खाना लग्जरी जैसा लगता है। ऑफिस की डेडलाइन हो या घर के काम, लोग सोचते हैं खड़े होकर खाने से टाइम बचेगा। यही छोटी आदत आगे चलकर बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है।
जब आप खड़े होकर खाते हैं, तो शरीर पूरी तरह रिलेक्स नहीं हो पाता। नर्वस सिस्टम एक्टिव रहता है। इसका असर यह होता है कि खाना पेट में तेजी से आगे बढ़ जाता है। दिमाग को पेट भरने का सही सिग्नल नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से लोग ज्यादा खा लेते हैं।
खड़े होकर खाने में लोग जल्दी- जल्दी और बड़े कौर खाते हैं। ठीक से चबाते भी नहीं है। जिसकी वजह से गैस, एसिडिटी, रिफ्लक्स और खाना खाने के बाद पेट भारी होना ये सब प्रॉब्लम होने लगती है।
शरीर भूख और पेट भरने के लिए हार्मोनल सिग्नल देता है। जब खाना ध्यान से नहीं खाते, तो ये सिग्नल कमजोर पड़ जाते हैं। जिसकी वजह से ओवरईटिंग और एनर्जी कम होने जैसी समस्याएं होने लगती हैं।