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Walking Benefits: रोज 4,000 कदम, सेहत के लिए वरदान, बुजुर्गों के लिए नई रिसर्च से हुआ खुलासा

Walking Benefits: हाल ही में हुए एक शोध में यह पाया गया है कि अगर बुजुर्ग हफ्ते में सिर्फ 1 या 2 दिन 4,000 कदम चलते हैं, तो उनकी उम्र बढ़ सकती है और मृत्यु का खतरा एक चौथाई तक घट सकता है।

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भारत

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MEGHA ROY

Oct 22, 2025

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Senior citizens health tips|फोटो सोर्स – Freepik

Walking Benefits: अक्सर आपने बड़े बुजुर्गों से सुना होगा कि "चलते रहो, तो जिंदगी चलती रहती है।यह सिर्फ कहावत नहीं, अब विज्ञान ने भी इसे सही साबित कर दिया है। हाल ही में हुए एक शोध में यह पाया गया है कि अगर बुजुर्ग हफ्ते में सिर्फ 1 या 2 दिन 4,000 कदम चलते हैं, तो उनकी उम्र बढ़ सकती है और मृत्यु का खतरा एक चौथाई तक घट सकता है। आइए जानते हैं इस अध्ययन के बारे में और कैसे यह हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

क्या कहती है नई रिसर्च?

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के स्टडी में अमेरिका की 62 वर्ष से ऊपर की 13,500 से अधिक महिलाओं को शामिल किया गया था, जिनकी औसतन उम्र 72 साल थी। इन महिलाओं ने सात दिनों तक फिटनेस ट्रैकर पहना, और इसके बाद उन्हें लगभग एक दशक तक ट्रैक किया गया। जब स्टडी शुरू हुई, उस समय किसी भी प्रतिभागी को दिल की बीमारी या कैंसर नहीं था।

रिसर्च के नतीजे हैरान करने वाले हैं। जिन महिलाओं ने हफ्ते में एक या दो दिन ही सही, लेकिन 4,000 कदम रोजाना चलने का लक्ष्य पूरा किया, उनकी मौत का जोखिम 26% तक कम पाया गया। वहीं, दिल से जुड़ी बीमारियों से मौत का खतरा 27% तक घटा।

ज्यादा दिन, ज्यादा फायदे

अगर कोई बुजुर्ग हफ्ते में तीन या उससे अधिक दिन 4,000 कदम चलते हैं, तो उनका किसी भी कारण से मौत का खतरा 40% तक घट जाता है। हालांकि, दिल की बीमारी से मौत का खतरा फिर भी 27% पर स्थिर रहा।शोधकर्ताओं ने एक अहम बात यह बताई कि कितने दिन आप टारगेट पूरा करते हैं, उससे ज्यादा जरूरी है आप कुल कितने कदम चलते हैं। यानी यह मायने नहीं रखता कि आप रोज चल रहे हैं या हफ्ते में सिर्फ दो दिन बस इतना जरूरी है कि चलें जरूर और जितना हो सके उतना चलें।उन्होंने कहा कि “धीरे-धीरे चलना” हो या “एक बार में ज्यादा चलना” कदमों की संख्या ही असली फर्क लाती है।

बुजुर्गों के लिए अच्छी खबर

यहां एक स्टडी आई है जो बुजुर्गों के लिए राहत की खबर लेकर आई है। अगर किसी वजह से वे रोजाना लंबी सैर नहीं कर पाते, तो उन्हें इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि वे हर दिन शारीरिक सक्रियता नहीं कर पा रहे। हफ्ते में सिर्फ एक या दो दिन थोड़ी सी मेहनत से भी जीवन की गुणवत्ता और उम्र दोनों को बेहतर बनाया जा सकता है।