Regularization of employees:राज्य में करीब 40 हजार से अधिक संविदा और आउटसोर्स कर्मी नियमित होंगे। सरकार ने विभिन्न विभागों, निगमों में संविदा, आउटसोर्स कर्मियों का आंकड़ा जुटाने का काम शुरू कर दिया है। इसे शासन स्तर पर तैयार हो रही संविदा कर्मचारी नियमितीकरण नियमावली से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।
Regularization of employees:40 हजार से अधिक संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को जल्द ही नियमितिकरण का तोहफा मिल सकता है। उत्तराखंड में मौजूदा समय में संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों का एक संभावित आंकड़ा 40 हजार के करीब माना जाता है, लेकिन सटीक संख्या शासन स्तर पर भी नहीं है। इसके लिए इस बार विभागवार काम कर रहे हर तरह के कर्मचारी का डाटा एकत्र किया जा रहा है। कार्मिक विभाग के निर्देश पर स्थायी कर्मचारियों के अलावा तदर्थ, वर्कचार्ज, दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, संविदा, उपनल, पीआरडी, स्वयं सहायता समूह कर्मचारियों के साथ ही ठेका कर्मचारियों की असल संख्या जुटाई जा रही है। अपर मुख्य कार्मिक सचिव आनंद वर्द्धन के मुताबिक राज्य में संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों की असल संख्या क्या है, इसका एक डाटा तैयार कराया जा रहा है। ताकि इन कर्मचारियों की असल संख्या की सटीक जानकारी उपलब्ध रहे। नियमितीकरण नियमावली में सिर्फ संविदा कर्मचारियों को ही लिया जाएगा।
उत्तराखंड हाईकोर्ट विभिन्न आदेशों में संविदा समेत उपनल कर्मचारियों को भी नियमित करने के आदेश कर चुका है। नियमितीकरण के साथ ही समान काम का समान वेतन देने के भी आदेश जारी हुए हैं। इसी क्रम में ऊर्जा निगम में पांच उपनल कर्मचारियों को समान काम का समान वेतन मिल भी रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही शासन स्तर पर नियमितीकरण नियमावली पर काम भी शुरू हो गया है। अब जल्द ही राज्य में बड़े पैमाने पर आउटसोर्स और संविदा कर्मी नियमित हो सकते हैं।
ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल, पीआरडी समेत स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों की कुल संख्या करीब पांच हजार है। इसमें सबसे अधिक संख्या में तीन हजार के करीब उपनल कर्मचारी हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग में तीन हजार उपनल, पीआरडी, आउटसोर्स कर्मचारी हैं। पेयजल में आउटसोर्स, ठेका कर्मचारियों की संख्या दो हजार के करीब है।