26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड से विदा हुआ मानसून, जानें आगे कैसा रहेगा मौसम

departure of monsoon:आईएमडी ने पश्चिमी यूपी के कई जिलों और समूचे उत्तराखंड से मानसून विदाई की घोषणा कर दी है। करीब 98 दिन तक यहां मानसून पूरी तरह सक्रिय रहा। इस बार औसत से 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Naveen Bhatt

Oct 03, 2024

Monsoon has departed from Western UP and Uttarakhand

पश्चिमी यूपी सहित समूचे उत्तराखंड से मानसून विदा हो गया है

departure of monsoon:आईएमडी ने मानसून की विदाई की घोषणा कर दी है। उत्तराखंड से मानसून 98 दिन के बाद विदा हो गया। इस साल मानसून में सामान्य 1163 एमएम के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा 1273 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तराखंड में 27 जून को इस साल मानसून ने दस्तक दी थी।बुधवार को पूरे उत्तराखंड समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों से मानसून की विदाई हो गई। साल 2023 में सामान्य से सात फीसदी ज्यादा बारिश 1203.3 हुई थी। इस साल दस फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश में बागेश्वर जिले में सबसे ज्यादा बारिश इस साल हुई। पिछले साल मानसून 24 जून को आया था और छह अक्तूबर को विदा हुआ था। इस साल 27 जून को दस्तक दी और दो अक्तूबर को विदा हो गया।

यहां आगे भी बारिश की संभावना

मानसून की विदाई के साथ ही उत्तराखंड में अब मौसम साफ हो गया है। दिन में अच्छी धूप खिल रही है। आईएमडी के मुताबिक अगले एक सप्ताह तक मौसम शुष्क बना रहेगा। हालांकि कुमाऊं मंडल के जिलों में अगले एक सप्ताह में हल्की बारिश की भी संभावना है। अब राज्य में ठंड में बढ़ोत्तरी की संभावना है। आगे अब पर्वतीय जिलों में हाड़तोड़ ठंड लोगों को परेशान करेगी। वैज्ञानिकों ने इस साल जाड़ों में रिकॉर्डतोड़ ठंड पड़ने की संभावना जताई है।

ये भी पढ़ें:- 56 साल बाद घर पहुंचेगा सिपाही का शव, सेना की चिट्ठी से लोग हैरान

डेढ़ दशक का टूटा रिकॉर्ड

मानसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश सितंबर में हुई। सितंबर में 55 फीसदी बारिश ज्यादा हुई। सबसे कम बारिश जून में सामान्य से 49 फीसदी कम बारिश हुई। जुलाई में सामान्य से 20, अगस्त माह में नौ फीसदी बारिश सामान्य से अधिक हुई। कुमाऊं में इस बार मानसून जमकर बरसा। खासतौर पर पहाड़ के जिलों को मानसूनी बारिश ने तरबतर कर दिया। नतीजा रहा कि पहाड़ में डेढ़ दशक बाद सितंबर में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड दर्ज हो गया। पहाड़ में पिछले 15 सालों में इस बार सबसे अधिक बारिश सितंबर में रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग की वेबसाइट में मुक्तेश्वर केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक कुमाऊं के पहाड़ी जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और नैनीताल को मिलाकर सितंबर में औसतन 351.28 बारिश रिकॉर्ड की गई है।