India's easy access to China border:भारत सरकार दो साल के भीतर चीन सीमा से सटे ओल्ड लिपुलेख तक टू लेन सड़क तैयार कर लेगी। इससे जहां एक ओर भारत की स्थिति सामरिक रूप से मजबूत होगी, वहीं दूसरी ओर कैलास मानसरोवर यात्रा भी सुगम हो जाएगी।
India's easy access to China border:चालबाज चीन सीमा पर लगातार सड़कों का जाल बिछा रहा है। इस ओर भारत भी लगातार चीन को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। भारत सरकार उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित ओल्ड लिपुलेख तक टू लेन सड़क बनाने की दिशा में काम करने जा रही है। दो साल के भीतर 58 किमी इस टू लेन सड़क का काम पूरा होने की पूरी संभावना है। इससे जहां आवागमन सुगम हो जाएगा, वहीं सामरिक दृष्टि से मजबूती के साथ ही क्षेत्र का आर्थिक विकास भी संभव हो पाएगा। इससे कैलास पर्वत दर्शन मार्ग भी बेहद सुगम हो जाएगा। सीमांत के गांवों के लोगों को भी इस सड़क का काफी लाभ मिलेगा।
चीन सीमा स्थित ओल्ड लिपुलेख तक टू लेन सड़क निर्माण को केंद्र सरकार से 384 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। सर्किट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए केंद्रीय सड़क व परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि चीन सीमा तक सड़क का निर्माण सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इससे चीन सीमा तक कनेक्टिविटी के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
नेपाल भी चीन सीमा से सटे टिंकर से महाकाली कॉरिडोर निर्माण की दिशा में काम रहा है। भारत-नेपाल और चीन सीमा से सटे टिंकर नामक स्थान से नेपाल के ब्रह्मदेव तक महाकाली कॉरिडोर बनाया जाना है। बताया जा रहा है कि अरबों के इस कॉरिडोर के निर्माण में चीन नेपाल का आर्थिक सहयोग कर रहा है। इस कॉरिडोर का निर्माण होने से चीन सीमा से चम्पावत जिले के टनकपुर के पास स्थित ब्रह्मदेव तक टू लेन सड़क से नेपाल को काफी लाभ मिलेगा। ये सड़क नेपाल के लिए सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगी।