लखनऊ

Aadhaar Mismatch: आधार की गड़बड़ियों ने रोका नामांकन, 4 अगस्त से लगेंगे दस्तावेज सुधार कैंप

Aadhaar Update: उत्तर प्रदेश में छात्रों के दाखिले में आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र की गलतियों ने बड़ी अड़चन पैदा कर दी है। दस्तावेजों के विवरण मेल न खाने के कारण हजारों बच्चों का नामांकन अटका हुआ है। अब शिक्षा विभाग 4 अगस्त से कैंप लगाकर इस समस्या का समाधान करने जा रहा है।

3 min read
Jul 28, 2025
आधार के फेर में उलझे दाखिले: छात्र संख्या कैसे बढ़े जब नामांकन की राह ही कठिन है फोटो सोर्स :Social Media

Aadhaar Errors Block Student Admissions: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में इस वर्ष छात्र नामांकन अभियान में आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेजों में गड़बड़ी ने शिक्षकों और अभिभावकों की परेशानी बढ़ा दी है। तमाम बच्चे इसलिए स्कूल में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि उनके आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और स्कूल रिकॉर्ड में नाम, जन्मतिथि या माता-पिता के नाम में अंतर है। कक्षा 1 में प्रवेश को छोड़कर अन्य कक्षाओं में नामांकन के लिए बच्चों के पूर्व रिकॉर्ड से मेल बैठाना जरूरी होता है, लेकिन आधार अपडेट कराने की जटिल प्रक्रिया ने यह काम और मुश्किल बना दिया है।

ये भी पढ़ें

UP में PCS तबादलों की बहार, 9 अधिकारियों की तैनाती के बाद रविवार को 78 अफसरों का बड़ा फेरबदल

नामांकन में आ रही है तकनीकी अड़चन

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष  विनय कुमार सिंह ने बताया कि “कक्षा 1 के अतिरिक्त किसी भी कक्षा में यदि बच्चा दाखिला लेना चाहता है और आधार में कोई गड़बड़ी है, जैसे जन्मतिथि गलत है या माता-पिता का नाम मेल नहीं खा रहा है, तो उसमें सुधार करवाना भी आसान नहीं है। कई बार तो अभिभावकों को महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं।” इसके चलते बच्चों का नामांकन रुक रहा है और स्कूलों की छात्र संख्या में वृद्धि नहीं हो पा रही।

आधार और जन्म प्रमाण पत्र के विवरणों में विरोधाभास

बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कई जिलों में किए गए सर्वेक्षण में यह सामने आया कि 60% से अधिक बच्चों के दस्तावेजों में विरोधाभास है। कहीं नाम की स्पेलिंग अलग है, कहीं जन्मतिथि में फर्क है, तो कहीं माता-पिता के नाम ही उलट-पुलट हैं।
इन विरोधाभासों को दूर किए बिना यदि छात्र का नामांकन किया जाता है, तो भविष्य में उसके रिकॉर्ड में संशोधन करना और भी मुश्किल हो जाता है।

दस्तावेजों की गलती: छात्र बनते हैं बेकसूर शिकार

कई अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने जब बच्चों का आधार कार्ड बनवाया था, तब एजेंसियों ने गलत जानकारी दर्ज कर दी थी और अब सुधार करवाने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली है। कक्षा 3 की छात्रा रिया की मां संगीता देवी कहती हैं कि "आधार में पिता का नाम गलत दर्ज हो गया है। स्कूल वाले कहते हैं पहले इसे ठीक कराओ, तभी नामांकन होगा। तीन बार आधार केंद्र गई लेकिन अब भी सुधार नहीं हुआ।"

शिक्षक भी परेशान, नामांकन का लक्ष्य अधूरा

सरकार ने इस बार स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया है। मगर शिक्षकों को अब तक जो नामांकन प्राप्त हुए हैं, उनमें दस्तावेजों की खामियों के चलते आधे से अधिक प्रवेश लंबित हो गए हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ लखनऊ के अध्यक्ष  निर्भय सिंह कहते हैं कि “नामांकन की राह में आधार सबसे बड़ा रोड़ा बन चुका है। अगर सरकार चाहे तो स्कूलों में आधार और जन्म प्रमाण पत्र अपडेट के लिए विशेष कैंप लगवा दे, तो यह काम बहुत आसान हो जाएगा। शिक्षकों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।”

4 अगस्त से लगेंगे आधार सुधार कैंप

शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एक अहम निर्णय लिया है। अब प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में 4 अगस्त से आधार अपडेट व दस्तावेज सुधार कैंप आयोजित किए जाएंगे।

इन कैंपों में:

  • आधार कार्ड में नाम/जन्मतिथि/पता आदि का सुधार कराया जाएगा
  • जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन के लिए मदद दी जाएगी
  • पूर्व स्कूल रिकॉर्ड से मेल बैठाने की प्रक्रिया की जाएगी सरल
  • शिक्षक व बीईओ निगरानी में कैंप का संचालन होगा

कैंप से क्या उम्मीदें हैं

इन कैंपों के माध्यम से:

  • अधिक बच्चों का समय पर दाखिला हो पाएगाछात्रवृत्ति व राशन जैसे लाभ मिलने में रुकावट नहीं होगी
  • भविष्य में बोर्ड परीक्षा और अन्य प्रमाणपत्रों में सुधार की जरूरत नहीं पड़ेगीस्कूलों की छात्र संख्या लक्ष्य के अनुसार बढ़ सकेगी

कितनी बड़ी है समस्या

  • प्रदेश में लगभग 68,913 बच्चे ऐसे पाए गए हैं जिनके दस्तावेजों में त्रुटियां हैं
  • लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली और प्रयागराज जैसे जिलों में सबसे ज्यादा शिकायतें
  • कक्षा 2 से 5 के बच्चों में सबसे अधिक आधार व जन्म प्रमाण पत्र में विरोधाभास पाए गए
  • 70% मामलों में माता-पिता के नाम या जन्मतिथि मेल नहीं खाते

समाधान की ओर एक जरूरी कदम

शिक्षा विभाग का यह निर्णय वास्तव में समस्या की जड़ को पकड़ने और उसे दूर करने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। यदि यह अभियान सफल रहा, तो न केवल नामांकन की राह आसान होगी, बल्कि शिक्षा के डिजिटल रिकॉर्ड को भी सुदृढ़ किया जा सकेगा।

ये भी पढ़ें

Education Awareness: 68,913 स्कूल से बाहर बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ेगा उत्तर प्रदेश, 1 अगस्त से विशेष अभियान शुरू

Also Read
View All

अगली खबर