समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हट जाएं और वह खुद मुख्यमंत्री बन जाएं। साथ ही, उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की खस्ता हालत पर भी तीखी टिप्पणी की।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर गंभीर आरोप लगाए। अखिलेश यादव ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हट जाएं और वह खुद मुख्यमंत्री बन जाएं। यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तप चुकी है। सीएम योगी पता नहीं क्या कर रहे हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक नहीं कर पा रहे हैं।"
अखिलेश यादव ने लोकसभा सांसदों का स्वागत करते हुए कहा, "2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन में सबसे पहले वोट मांगने गए थे हम लोग। उन्हीं सांसदों के जिलों में और वे जीत गए। हालांकि दूसरा दल दूरी बना ले गया, लेकिन सांसदों से दूरी कभी नहीं रही।"
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर ऐसे एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे जो एक कीर्तिमान होंगे। उन्होंने सहारनपुर के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा, "सहारनपुर आखिरी जिला है जो दूर से आया है। समाजवादियों की सरकार होती तो इतना समय लखनऊ पहुंचने में नहीं लगता।"
अखिलेश यादव ने हाथरस मुद्दे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, "दुख है इस बात का कि बड़े पैमाने में लोगों की जान गई है। इस तरह के कार्यक्रम समय-समय पर उत्तर प्रदेश में होते रहते हैं। पूरी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की है।"
अखिलेश यादव के इस बयान से स्पष्ट है कि वह आगामी चुनावों में भाजपा सरकार को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में हैं। उनके आरोप और आलोचनाएं न केवल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं, बल्कि समाजवादी पार्टी की आगामी रणनीतियों का भी संकेत देते हैं। देखना यह होगा कि भाजपा इन आरोपों का कैसे जवाब देती है और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य पर इसका क्या असर पड़ता है।