Budheshwar Machli Mamla Lucknow : लखनऊ के ऐतिहासिक बुद्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर स्थित सीता सरोवर में सैकड़ों मछलियों की रहस्यमयी मौत से सनसनी फैल गई। सावन से ठीक पहले हुई इस घटना ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में आक्रोश भर दिया है। जहरीला पदार्थ डालने का आरोप लगा है, जिसकी जांच प्रशासन कर रहा है।
Budheshwar Temple Spark Outrage Before Sawan: लखनऊ के ऐतिहासिक बुद्धेश्वर महादेव मंदिर परिसर स्थित सीता सरोवर में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया जब भक्तों द्वारा वर्षों से पाली गई मछलियां मृत अवस्था में पानी में तैरती पाई गईं। सावन महीने से ठीक पहले इस घटना ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के बीच गहरी चिंता और आक्रोश फैला दिया है।
सुबह जब मंदिर में पूजा के लिए श्रद्धालु पहुंचे, तो सीता सरोवर में भारी संख्या में मरी हुई मछलियों को देखकर हड़कंप मच गया। लोगों का कहना है कि सरोवर में लगभग पांच कुंतल से अधिक मछलियों की मौत हुई है। दृश्य इतना भयावह था कि कुछ श्रद्धालु भावुक होकर रो पड़े। स्थानीय लोग व मंदिर परिसर में रहने वाले तुरंत एकत्रित हुए और मौके पर भीड़ उमड़ पड़ी।
बुद्धेश्वर विकास महासभा के अध्यक्ष राजेश शुक्ला ने आरोप लगाया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने मंगलवार रात को सरोवर में जहरीला पदार्थ डाला, जिससे यह त्रासदी घटी। महासभा ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। राजेश शुक्ला ने बताया कि सरोवर के पास जहरीले पदार्थ की कुछ खाली शीशियां भी बरामद हुई हैं, जिससे साजिश की आशंका और मजबूत होती है।
घटना की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार अर्पिता सिंह मौके पर लेखपाल के साथ पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सरोवर में जीवित बची कुछ मछलियों को निकालकर गोमती नदी में स्थानांतरित करने की बात कही। हालांकि, स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और मछलियों को यहीं रखने की मांग की। बाद में नगर निगम की मदद से पंप लगाकर सरोवर का पानी निकाला गया और मृत मछलियों को गड्ढे में दबा दिया गया।
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर लखनऊ के धार्मिक स्थलों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मंदिर प्रांगण में स्थित सीता सरोवर न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था और भावनाओं का केंद्र भी है। इस सरोवर में भगवान शिव की आदमकद प्रतिमा स्थापित है और वर्षों से भक्तजन यहां मछलियां पालते आ रहे हैं। श्रद्धालु मछलियों को दाना और आटे की गोलियां खिलाते हैं, जिसे पुण्य का कार्य माना जाता है।
घटना ऐसे समय हुई है जब सावन मास की शुरुआत होने वाली है, जो भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में सरोवर में इस तरह की घटना को कुछ लोग सुनियोजित साजिश मान रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
क्षेत्रीय पार्षद धर्मेंद्र सिंह ने घटना को 'गंभीर और दुर्भाग्यपूर्ण' बताया। उन्होंने मांग की कि दोषियों को चिन्हित कर उन पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नगर निगम ने तत्काल पंप लगाकर सरोवर का पानी बाहर निकालने की व्यवस्था की, ताकि आगे और नुकसान न हो।
मछलियों की यह हत्या न सिर्फ धार्मिक आस्था पर हमला है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है। सीता सरोवर जैसे जलस्रोतों में इस प्रकार की घटनाएं स्थानीय जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिर परिसर और सरोवर की सुरक्षा बढ़ाई जाए। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, रात्रिकालीन निगरानी व्यवस्था मजबूत की जाए और जल गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई भी घटना दोबारा न हो।
पारा पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है। सरोवर के पास मिली जहरीले पदार्थ की शीशियों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, जल्दी ही दोषियों का पता लगाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।