Lucknow News: लोकसभा मानसून सत्र में हंगामे के बीच फतेहपुर मकबरा विवाद पर सियासी टकराव तेज हो गया है। डिंपल यादव ने सीएम योगी पर इतिहास निकालने की नसीहत दी, जबकि असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर 1992 जैसे हालात बनाने का आरोप लगाया।
Dimple yadav owaisi react yogi history fatehpur maqbara controversy: लोकसभा के मानसून सत्र का 17वां दिन मंगलवार को भी विपक्षी हंगामे की भेंट चढ़ गया। बिहार SIR पर चर्चा की मांग को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष लगातार शोर-शराबा कर रहा है।
सपा नेता डिंपल यादव ने सीएम योगी के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए कहा- "अगर हम सीएम का इतिहास निकालकर देखेंगे, तो खुद पता चल जाएगा कि सच्चाई क्या है।" दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यूपी विधानसभा में कहा था- "सपा और लोकतंत्र नदी के दो छोर हैं। उनका लोकतंत्र में विश्वास केवल दिखावा है। संभल में सपा ने जो नकारात्मकता फैलाई, हम आज उसे सुधार रहे हैं।"
फतेहपुर के मकबरे पर भगवा झंडा फहराने के मामले ने सियासत को और गरमा दिया है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- "भाजपा ने देश में नफरत का माहौल बना दिया है, खासकर यूपी में खुली छूट दी गई है कि मुसलमानों से जुड़े किसी भी ऐतिहासिक स्थल पर दावा कर सकते हैं। यह सब पुलिस की मौजूदगी में हो रहा है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही।
अगर हमलावर मुस्लिम समाज से होते, तो नतीजे अलग होते। राजनीतिक विचारधारा और धर्म के इशारे पर कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मुसलमानों के खिलाफ नफरत और अत्याचार की एक कोशिश है। ऐसा लग रहा है जैसे 1992 की घटनाएं लौट रही हों।"
घटना फतेहपुर जिले की ईदगाह में बने एक मकबरे की है। सोमवार को बजरंग दल, हिंदू महासभा और अन्य हिंदू संगठनों के करीब 2 हजार लोग वहां पहुंचे। भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने मकबरे की छत पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया और मकबरे को मंदिर बताते हुए तोड़फोड़ शुरू कर दी।
हिंदू महासभा के नेता मनोज त्रिवेदी भीड़ के साथ मकबरे के अंदर गए और पूजा-पाठ करने लगे। जब मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस बारे में पता चला, तो वे भी बड़ी संख्या में ईदगाह पहुंच गए। देखते ही देखते करीब डेढ़ हजार लोग इकट्ठा हो गए और दोनों पक्षों के बीच पथराव शुरू हो गया।
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव को हवा दे दी है और विपक्ष ने इसे लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।