लखनऊ

Education Department Action: ढाई साल से गायब प्राइमरी स्कूल का शिक्षक बर्खास्त: बेसिक शिक्षा विभाग ने की कड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने गोसाईगंज प्राइमरी स्कूल के शिक्षक राजेश कुमार चौधरी को ढाई साल से बिना सूचना के गैरहाजिर रहने पर बर्खास्त कर दिया। कई नोटिस के बावजूद संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर यह सख्त कदम उठाया गया। यह कार्रवाई शिक्षा विभाग की अनुशासन को लेकर सख्ती को दर्शाती है।

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Dec 19, 2024
बेसिक शिक्षा विभाग का बड़ा एक्शन

Education Department Action: गोसाईगंज के करहदू प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत राजेश कुमार चौधरी जो पिछले ढाई साल से बिना किसी सूचना के स्कूल से गायब थे, उनका बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रामप्रवेश ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई शिक्षक की अनुशासनहीनता और बार-बार नोटिस के बावजूद जवाब न देने के कारण की गई है।

पिछले ढाई साल से गायब थे शिक्षक
राजेश कुमार चौधरी जो नौ जुलाई 2022 से स्कूल नहीं आए, ने बार-बार नोटिस के बावजूद कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। बीएसए कार्यालय ने उन्हें कई बार कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

कारण बताओ नोटिस का जवाब
गत नौ सितंबर को शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 12 सितंबर को बीएसए कार्यालय में उपस्थित होकर बयान देने का निर्देश दिया गया था। जवाब में राजेश ने पारिवारिक समस्याओं का हवाला देते हुए स्कूल आने में असमर्थता जताई। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने जुलाई 2022 में खुद के निलंबन के लिए गोसाईगंज बीईओ कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था।

बर्खास्तगी की प्रक्रिया और बीएसए का बयान
बीएसए रामप्रवेश ने बताया कि यह शिक्षक लंबे समय से अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहा था। विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना और सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया। इसके तहत शिक्षक की सेवाएं समाप्त कर दी गईं और बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया गया।

शिक्षा विभाग का संदेश
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी की प्राथमिक जिम्मेदारी अपने कर्तव्यों का पालन करना है। ऐसी अनुशासनहीनता पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

समस्या की जड़: अनुशासनहीनता और लापरवाही
शिक्षा प्रणाली पर असर: शिक्षक की गैरमौजूदगी का सीधा प्रभाव छात्रों की पढ़ाई पर पड़ा।
अनुशासनहीनता का उदाहरण: बार-बार नोटिस के बावजूद जवाब न देना और अपनी जिम्मेदारियों से बचना।
पारिवारिक समस्याओं का हवाला: हालांकि शिक्षक ने पारिवारिक समस्याओं को गैरमौजूदगी का कारण बताया, लेकिन विभाग ने इसे संतोषजनक नहीं माना।

बेसिक शिक्षा विभाग की सख्ती
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस कार्रवाई से यह संदेश दिया है कि सरकारी स्कूलों में अनुशासनहीनता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम अन्य शिक्षकों के लिए भी एक चेतावनी है।

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