
मैं सरदार पटेल का वंशज हूं, डरना मेरी फितरत में नहीं
Cabinet Minister Ashish Patel counter-attack: उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग में अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रहे कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए जोरदार प्रतिक्रिया दी। सपा विधायक और अपनी ही पार्टी से बागी नेता पल्लवी पटेल द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों और विधानसभा परिसर में धरने के बाद, आशीष पटेल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा, "साजिशों से मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं सरदार पटेल का वंशज हूं और मेरा स्वभाव डरना नहीं, बल्कि मुकाबला करना है।"
आशीष पटेल ने अपने पोस्ट में लखीमपुर की एक घटना का जिक्र किया, जहां भाजपा विधायक योगेश वर्मा को एक वकील ने थप्पड़ मारा था। उन्होंने कहा, "साजिश रचने वाले समझ लें, मैं योगेश वर्मा नहीं हूं। मैं अपमान सहकर चुप नहीं बैठूंगा।" उन्होंने विधानसभा परिसर में धरने पर सवाल उठाते हुए कहा कि धरने में शामिल दो बाहरी लोग कौन थे? "जिस विधानसभा परिसर में रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां दो लोग कैसे पहुंचे? यह साजिश का हिस्सा है।"
अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने व्याख्याताओं की पदोन्नति में धांधली का मुद्दा उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने विधानसभा परिसर में धरना भी दिया। पल्लवी पटेल का कहना है कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है और इसे जनता के हित में जरूरी कदम बताया।
आशीष पटेल ने पल्लवी पटेल के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने सूचना विभाग के कनिष्ठ अधिकारियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि वे मंत्रियों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "1700 करोड़ रुपये के बजट वाले राज्य के सूचना विभाग का काम सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुंचाना है, लेकिन कुछ अधिकारी इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।"
.विधानसभा परिसर में बाहरी लोग कैसे आए?
.किस पुलिस अधिकारी ने इन्हें अंदर आने की अनुमति दी?
.सूचना विभाग के अधिकारी किसके इशारे पर काम कर रहे हैं?
पल्लवी पटेल और आशीष पटेल के बीच यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि इसका असर उत्तर प्रदेश की राजनीति में देखने को मिलेगा। भाजपा के लिए यह विवाद सपा और अपना दल (कमेरावादी) के संबंधों को कमजोर करने का अवसर हो सकता है।
Published on:
19 Dec 2024 07:37 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
