लखनऊ

Gold Rate Today: सोना चांदी नई उड़ान पर, रिकॉर्ड तोड़ भाव और बढ़ती मांग से बाजार में जबरदस्त हलचल

Gold and Silver Price सोने और चांदी की कीमतों में इस हफ्ते तेज उछाल देखने को मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिले मजबूत संकेतों और घरेलू मांग में बढ़ोतरी के चलते सोना 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 1,55,500 रुपये प्रति किलो पहुंच गई। बाजार में रौनक बढ़ी।

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Nov 11, 2025
बाजार में तेज मांग से कीमती धातुओं में जबरदस्त उछाल (फोटो सोर्स : Sarafa Group Whatsapp Group )

Gold and Silver Rate : कीमती धातुओं के घरेलू बाजार में इस हफ्ते फिर से तेजी दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिले सकारात्मक संकेतों और घरेलू मांग में सुधार का असर लखनऊ मंडल समेत पूरे उत्तर भारत के व्यापार पर स्पष्ट दिखा। राजधानी लखनऊ में सोना 24 कैरेट का भाव 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया, जबकि चांदी 1,55,500 रुपये प्रति किलो के स्तर पर कारोबार करती नजर आई। त्योहारों और शादियों के सीजन की दस्तक, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की चाह ने इस बढ़त को और भी मजबूती दी।

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सर्राफा  बाजारों में बढ़ी रौनक 

स्थानीय सर्राफा व्यापारियों के अनुसार, बीते कुछ दिनों से ग्राहकों की आवाजाही बढ़ी है। खासकर महिलाओं और पारंपरिक खरीददारों के बीच सोने के गहनों की पूछताछ में तेजी आई है। ज्वैलरी शोरूम मालिकों का कहना है कि कीमतें भले ऊंची हों, लेकिन भरोसेमंद निवेश के रूप में सोना अभी भी आम लोगों की पहली पसंद है। लखनऊ के सर्राफा बाजारों, जैसे अमीनाबाद, अलंकार रोड, चौक और आलमबाग, में सुबह से ही रौनक देखी जा रही है।

तेजी की सबसे बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दिखी उथल-पुथल मानी जा रही है। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों को लेकर फेडरल रिजर्व की भविष्य की रणनीति, भू-राजनीतिक तनाव और डॉलर की कमजोरी ने सोने को मजबूती दी है। विश्लेषकों का कहना है कि जब भी बाजार में अस्थिरता बढ़ती है, निवेशक सुरक्षित साधन के रूप में सोना खरीदना पसंद करते हैं। इसी चलन का असर भारत के घरेलू बाजार पर भी हुआ है।

सोने से ज्यादा चांदी के बढ़े दाम 

चांदी में बढ़त सोने से भी ज्यादा जोरदार मानी जा रही है। औद्योगिक उपयोग बढ़ने और घरेलू मांग के मजबूत रहने से चांदी की कीमतें एक नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। लखनऊ मंडल के कई छोटे शहरों, जैसे रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और बाराबंकी के प्रमुख बाजारों में भी चांदी की कीमतें 1,55,000 रुपये प्रति किलो के आसपास दर्ज की गईं। व्यापारियों का कहना है कि चांदी में तेजी का दौर अभी जारी रह सकता है, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक और सौर ऊर्जा उद्योग में इसकी खपत लगातार बढ़ रही है।

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में भी सोने और चांदी में मजबूती बनी रह सकती है। हालांकि, कीमतों में उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता। वैश्विक बैंकों की मौद्रिक नीति, कच्चे तेल की कीमतें और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक हालात आगे की दिशा तय करेंगे। कई विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि घरेलू स्तर पर अगर रुपये में कमजोरी जारी रहती है, तो सोने की कीमतें भारतीय बाजार में और बढ़ सकती हैं।

कई निवेशक इन ऊंची कीमतों के बावजूद सोने में निवेश को आज भी सुरक्षित विकल्प मानते हैं। गोल्ड ETF, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड और डिजिटल गोल्ड जैसे विकल्पों की मांग भी बढ़ी है। डिजिटल गोल्ड खरीदने वालों की संख्या खास तौर पर युवा वर्ग में बढ़ी है, क्योंकि यह आसान, सुरक्षित और बिना स्टोरेज की चिंता के खरीदने की सुविधा देता है। सोवरेन गोल्ड बॉन्ड की अगली किस्त का भी बाजार में इंतजार है, क्योंकि इसमें कर लाभ और ब्याज दोनों शामिल होते हैं।

छोटे निवेशकों की बढ़ी चिंता 

हालांकि, छोटे निवेशकों और आम परिवारों के लिए बढ़ती कीमतें चिंता का विषय भी हैं। कई परिवारों ने बताया कि इस सीजन में वे गहनों की खरीद सीमित कर रहे हैं या हल्के वजन के आभूषण लेने का मन बना रहे हैं। ज्वैलर्स ने यह भी बताया कि हल्की ज्वैलरी, रोजाना पहनने लायक डिज़ाइन और 18 कैरेट गोल्ड के विकल्पों की मांग बढ़ रही है।

लखनऊ के बड़े ज्वैलरी विक्रेताओं का कहना है कि अगर कीमतें इसी तरह ऊंची रही, तो ग्राहक अल्टरनेटिव मेटल ज्वैलरी या चांदी के आभूषणों की ओर भी रुख कर सकते हैं। चांदी की ज्वैलरी और कड़े, पायल, झुमके वगैरह पहले भी लोकप्रिय रहे हैं, और अब इसके स्टाइलिश व आधुनिक डिज़ाइनों की मांग युवा पीढ़ी में तेजी से बढ़ रही है। कीमतें भले अधिक हों, पर ग्राहक की पसंद और जरूरतें बाजार को लगातार सक्रिय बनाए हुए हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोने की मांग

ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोने की मांग पारंपरिक तौर पर मजबूत रहती है। लखनऊ मंडल के ग्रामीण इलाकों में कई परिवार अभी भी सोने को दीर्घकालिक सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक मानते हैं। फसली आय में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में स्थिरता आने से वहां भी खरीदारी में हल्की बढ़ोतरी देखी जा रही है।

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