लखनऊ

Weather Alert: तराई वाले जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, 56 जिलों में आकाशीय बिजली की आशंका

Heavy Rain Alert in Terai UP: उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद समेत कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। मौसम विभाग ने 56 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया है। प्रशासन सतर्क हुआ है।

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Jul 21, 2025
Torrential Downpours Create Flood‑Like Conditions, Administration in High‑Alert Mode Photo source: Patrika

UP Weather Alert : उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। विशेषकर तराई के इलाकों में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद जैसे जिलों में सोमवार को ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इन इलाकों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, जिससे स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ गई है।

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पिछले कुछ दिनों से तेज बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें

उत्तर प्रदेश के तराई और दक्षिणी हिस्सों में जुलाई के पहले पंद्रह दिनों में अच्छी मानसूनी बारिश हुई थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बारिश की गति धीमी पड़ गई थी। अब एक बार फिर से पश्चिमी यूपी के तराई इलाकों में बादलों की गर्जना के साथ भारी बारिश शुरू हो गई है। इससे निचले इलाकों में जलभराव, फसल क्षति और सड़कों पर अव्यवस्था की स्थिति बनने लगी है।

मौसम विभाग की चेतावनी

आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बागपत, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, बरेली और आसपास के क्षेत्रों में भी मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 56 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका जताई गई है। लोगों को सलाह दी गई है कि बिजली चमकने के दौरान खुले स्थानों पर खड़े न हों और सुरक्षित आश्रय स्थल पर चले जाएं।

इन जिलों में अलर्ट

  • भारी बारिश (ऑरेंज अलर्ट): सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद
  • गरज-चमक के साथ वज्रपात की चेतावनी वाले जिले: बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, अमरोहा, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर आदि।

बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्र

बारिश की तीव्रता को देखते हुए कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, विशेष रूप से गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा नदी के किनारे बसे जिलों में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। गांवों में जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ है।

लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती में खतरे के निशान के पास नदियां

लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों में बहने वाली नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने इन जिलों में नावों और राहत सामग्री की व्यवस्था पहले से ही दुरुस्त कर रखी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।

प्रशासन अलर्ट मोड पर

प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और तहसील अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतें। राजस्व, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं जो हालात की निगरानी कर रही हैं। जिलों में राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है।

खेतों में फसल पर संकट

लगातार बारिश से किसानों की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। धान की रोपाई वाले क्षेत्रों में अत्यधिक जलभराव के कारण पौधों का सड़ना शुरू हो गया है। वहीं कुछ क्षेत्रों में बाढ़ से फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। कृषि विभाग ने सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि क्षति का आकलन कर मुआवजा दिया जा सके।

स्कूलों में छुट्टी पर विचार

कई जिलों में जिला प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने पर विचार करना शुरू कर दिया है, खासकर जहां जलभराव की स्थिति गंभीर हो गई है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए संबंधित बीएसए (बेसिक शिक्षा अधिकारी) और डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) को निर्देश दिए जा चुके हैं।

लोगों से अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरी कार्य होने पर ही घरों से बाहर निकलें। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल 112 या जिला नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। बाढ़ और बिजली गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता फैलाने का अभियान भी शुरू किया गया है।

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