लखनऊ

KedarnathYatra2025: ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे

Kedarnath Opening: पवित्र केदारनाथ धाम, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, 2 मई को प्रातः 7:00 बजे भक्तों के दर्शनार्थ अपने कपाट खोलेगा। इस घोषणा से शिव भक्तों में अपार उत्साह है। बाबा केदार की पंचमुखी डोली 28 अप्रैल को ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से प्रस्थान करेगी, जबकि भगवान भैरवनाथ जी की विशेष पूजा 27 अप्रैल 2025 को संपन्न होगी।

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Feb 27, 2025
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित, श्रद्धालुओं में उत्साह

Kedarnath Dham: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को प्रातः 7 बजे भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। यह शुभ मुहूर्त महाशिवरात्रि के अवसर पर पंचांग गणना के आधार पर तय किया गया।

भैरवनाथ जी की पूजा और पंचमुखी डोली यात्रा

  • 27 अप्रैल 2025 को बाबा केदार के प्रमुख अनुयायी भगवान भैरवनाथ जी की विशेष पूजा-अर्चना होगी।
  • 28 अप्रैल 2025 को बाबा केदार की पंचमुखी डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना होगी।
  • यह यात्रा कई पड़ावों से होकर गुजरेगी और भक्तों के दर्शनार्थ उपलब्ध होगी।
  • 2 मई को प्रातः 7 बजे विधि-विधान से कपाट खोले जाएंगे।

केदारनाथ यात्रा 2025: भक्तों की उमड़ी श्रद्धा

हर साल केदारनाथ यात्रा में लाखों श्रद्धालु आते हैं। कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा की आधिकारिक शुरुआत होती है। भक्तों में इस बार भी विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। इस पावन अवसर पर उत्तराखंड सरकार और मंदिर समिति ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।

केदारनाथ यात्रा की प्रमुख विशेषताएँ

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य - सभी श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है।
  • यात्रा मार्गों का जीर्णोद्धार - सड़कों, पैदल मार्गों और हेलीकॉप्टर सेवाओं में सुधार किया गया है।
  • सुरक्षा प्रबंध - पुलिस और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
  • स्वास्थ्य सुविधाएं - मेडिकल कैंप और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं स्थापित की जा रही हैं।
  • पर्यावरण सुरक्षा - प्लास्टिक मुक्त यात्रा को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।

ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व

  • केदारनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग है और पंचकेदारों में प्रमुख स्थान रखता है।
  • इस मंदिर का निर्माण आदि गुरु शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में करवाया था।
  • भगवान शिव की यह पूजा स्थली हिमालय की गोद में स्थित है, जहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
  • 2013 में आई आपदा के बावजूद, बाबा केदार के प्रति श्रद्धा और आस्था निरंतर बढ़ती जा रही है।

यात्रा के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  • मौसम की स्थिति - उच्च हिमालयी क्षेत्र होने के कारण मौसम में अचानक बदलाव हो सकता है।
  • आवश्यक दस्तावेज - पंजीकरण प्रमाणपत्र और आईडी प्रूफ साथ रखें।
  • यात्रा का समय - हेलीकॉप्टर और अन्य यातायात सेवाओं की बुकिंग पहले से करवा लें।
  • भोजन और जल - अपने साथ शुद्ध जल और हल्का भोजन रखें।
  • मेडिकल किट - उच्च ऊँचाई पर जाने से पहले स्वास्थ्य जांच करवा लें।

उत्तराखंड सरकार की विशेष पहल

उत्तराखंड सरकार और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस बार यात्रा को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए कई नई पहल की हैं।

  • हेलिकॉप्टर सेवा - हेलीकॉप्टर सेवा का विस्तार किया गया है।
  • यात्रा मार्गों का विस्तार - केदारनाथ तक जाने वाले मार्ग को चौड़ा और सुविधाजनक बनाया गया है।
  • स्मार्ट पंजीकरण प्रणाली - डिजिटल इंडिया अभियान के तहत ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली को सरल बनाया गया है।

श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के साथ ही श्रद्धालुओं की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भगवान शिव के इस पावन धाम में आस्था की ज्योति जलाने के लिए लाखों भक्तों का आगमन तय है। उत्तराखंड सरकार और मंदिर समिति ने यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।

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