Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरणों में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि 14 तारीख को आने वाले नतीजों में एनडीए सरकार स्पष्ट बहुमत से वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार को मोदी-नीतीश पर पूर्ण भरोसा है।
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरणों के बीच राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं। राज्य में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को महागठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए दावा किया कि 14 तारीख को चुनाव परिणाम आने के बाद बिहार में एनडीए की पूर्ण बहुमत वाली सरकार फिर से बनेगी। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी पर भरोसा रखती है और विकास के मुद्दे को प्राथमिकता देकर मतदान कर रही है।
मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि महागठबंधन की नीतियाँ जनता को स्वीकार नहीं हैं और मतदाता वादों के बजाय काम को तरजीह दे रहे हैं। उनके मुताबिक, एनडीए सरकार ने पिछले वर्षों में राज्य में बुनियादी ढांचे से लेकर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, जिनका असर इस चुनाव में भी दिखाई देगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का नागरिक स्थिर और विकासोन्मुख सरकार चाहता है, जिसमें केंद्र और राज्य का तालमेल हो और योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे।
अपने भाषण में उपमुख्यमंत्री मौर्य ने बिहार में विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि एनडीए सरकार ने सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ज्यादा ध्यान दिया है। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे परियोजनाओं को रेखांकित किया। मौर्य ने कहा कि कोरोना काल में बिहार सरकार और केंद्र ने मिलकर बेहतर प्रबंधन किया, जिससे प्रदेश में राहत कार्य प्रभावी रूप से चल सके।
उन्होंने दावा किया कि किसानों के लिए चलाई गई योजनाओं और रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयासों को जनता सकारात्मक रूप में ले रही है। मौर्य ने कहा कि “जनता भावनाओं से नहीं बल्कि विकास के आधार पर वोट कर रही है, और यह एनडीए के लिए शुभ संकेत है।”
महागठबंधन पर हमलावर रुख अपनाते हुए मौर्य ने कहा कि विपक्ष में एकजुटता की कमी है और उनके वादे व्यवहारिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने चुनावी घोषणापत्र में कई बड़े वादे किए हैं, लेकिन इन वादों को पूरा करने की कोई ठोस योजना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष केवल सत्ता पाने के लिए दावे कर रहा है, जबकि जनता अब “सिर्फ घोषणाओं और कागज़ी योजनाओं” पर भरोसा नहीं करती।
मौर्य ने कहा कि पिछले चुनावों में भी जनता ने महागठबंधन को नकारकर एनडीए पर विश्वास जताया था और इस बार भी परिणाम पहले जैसे ही रहने वाले हैं। उनके अनुसार, “बिहार की जनता समझदार है और जानती है कि कौन सा पक्ष राज्य के हित में काम कर सकता है।”
बिहार चुनाव के इस चरण में कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं ने भारी प्रचार किया है। एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और कई मुख्यमंत्री लगातार रैलियां कर रहे हैं। उधर, महागठबंधन की ओर से राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने जनता को आकर्षित करने के लिए अभियान को पूरी ताकत दी।
विशेषज्ञों के अनुसार इस बार चुनाव में बेरोजगारी, प्रवासी मजदूरों की स्थिति, शिक्षा और स्वास्थ्य संरचना जैसे मुद्दे प्रमुख रूप से छाए हुए हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, सिंचाई और स्थानीय बुनियादी ढांचे से जुड़े विषय भी मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित कर रहे हैं। चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में विकास का मुद्दा हमेशा से केंद्रीय रहा है और इस बार भी यही फोकस दिखाई दे रहा है।
अपने संबोधन में डिप्टी सीएम मौर्य ने कहा कि आने वाले दिनों में बिहार को एक “विकसित, आधुनिक और आत्मनिर्भर राज्य” बनाना एनडीए का प्रमुख लक्ष्य होगा। उन्होंने कहा कि अगले कार्यकाल में सरकार रोजगार अवसर बढ़ाने, उद्योग स्थापित करने और युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान देगी। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज गति देने की योजनाओं का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का प्रशासनिक अनुभव और प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्रीय नेतृत्व मिलकर बिहार को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखते हैं। मौर्य ने यह दावा भी किया कि एनडीए सरकार ने भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, कानून व्यवस्था को मजबूत करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं, जिनका लाभ जनता को मिला है।