LDA Action: गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-1 में लखनऊ विकास प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई ने शहर में अवैध कब्जों के खिलाफ सख्ती का स्पष्ट संदेश दिया है। LDA द्वारा किए गए बड़े पैमाने के ध्वस्तीकरण ने यह संकेत दे दिया है कि बिना अनुमति निर्माण और अवैध कब्जों पर अब किसी तरह की रियायत नहीं मिलेगी।
LDA Action Lucknow: लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र में अवैध निर्माण और अनधिकृत कब्जों के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। LDA के उपाध्यक्ष के निर्देश पर संचालित इस अभियान का नेतृत्व सचिव विवेक श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में जोनल अधिकारी संगीता राघव ने किया। कार्रवाई के दौरान सेक्टर-1 में वर्षों से कब्जा जमाए बैठी अवैध डेयरी, दुकानों, झुग्गियों, वर्कशॉप और कबाड़ी प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर दिया गया।
ग्वारी फ्लाईओवर के पास खाली पड़ी जमीन पर कई लोगों ने अनाधिकार रूप से अस्थायी और स्थायी ढांचे बना रखे थे। इनमें एक दर्जन से अधिक डेयरी, वर्कशॉप, गैरेज, कबाड़ की दुकानें और अस्थायी झुग्गियां शामिल थीं। LDA टीम ने मौके पर पहुंचकर इन निर्माणों को अवैध बताते हुए भारी मशीनरी से हटवा दिया।
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-1 में सर्विस रोड के किनारे कई डेयरियां संचालित की जा रही थीं। डेयरी संचालक बिजली के पोल, पेड़ों और सार्वजनिक ढांचों से पशुओं को बांधकर रखते थे, जिससे मार्ग अवरुद्ध रहता था। आवागमन में लगातार आने वाली बाधा के कारण स्थानीय लोगों ने कई बार शिकायतें की थीं। पशुओं की संख्या अधिक होने से सड़क पर गंदगी फैलती थी और दुर्गंध से आसपास के इलाकों में रहने वालों का जीना मुश्किल हो रहा था। LDA ने पहले भी नोटिस जारी किए थे, लेकिन कब्जेदार हटने को तैयार नहीं थे। अंततः प्राधिकरण को बुलडोजर चलाकर कार्रवाई करनी पड़ी।
ग्वारी फ्लाईओवर के आसपास की जमीन LDA के विकास कार्यों और आवासीय योजनाओं के लिए चिह्नित है। इस क्षेत्र में लंबे समय से अनेक लोगों ने लकड़ी और टीनशेड के अस्थायी ढांचे तैयार कर लिए थे। इन पर डेयरी, कबाड़खाने और छोटे वर्कशॉप संचालित हो रहे थे।
टीम की जांच में पता चला कि कई डेयरियां अवैध रूप से पानी की आपूर्ति लाइन से कनेक्शन लेकर पानी का इस्तेमाल कर रही थीं। कुछ दुकानों में वेल्डिंग और मोटर रिपेयरिंग के काम हो रहे थे, जिनके पास कोई व्यापारिक अनुमति नहीं थी। जमा कबाड़ और ज्वलनशील सामग्री के कारण क्षेत्र में आग लगने का खतरा भी बना रहता था।
कार्रवाई के दौरान किसी भी संभावित विवाद या विरोध को देखते हुए पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की गई थी। जैसे ही LDA की टीम मौके पर पहुंची, कई लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन पुलिस की मौजूदगी में अभियान सुचारू रूप से चलता रहा। अधिकारी संगीता राघव ने मौके पर ही कब्जेदारों को दस्तावेज़ दिखाने का अवसर दिया, लेकिन अधिकांश के पास भूमि से संबंधित कोई वैध कागज़ नहीं थे। इसके बाद JCB मशीनों ने अवैध ढांचों को ध्वस्त करना शुरू किया।
कार्रवाई के दौरान यह भी देखा गया कि कुछ झुग्गियों में ऐसे परिवार रहते थे जिनके पास तत्काल रहने के लिए कोई विकल्प उपलब्ध नहीं था। टीम ने मानवता के आधार पर ऐसे परिवारों को नोटिस देकर एक सप्ताह की मोहलत दी है ताकि वे वैकल्पिक इंतजाम कर सकें। अधिकारियों ने बताया कि जिन परिवारों ने LDA से समय की मांग की थी, उन्हें नोटिस देकर स्पष्ट कर दिया गया है कि 7 दिनों के भीतर जगह खाली करना अनिवार्य है। इसके बाद अगला चरण फिर शुरू किया जाएगा।
LDA उपाध्यक्ष ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमित रूप से अभियान चलाकर मास्टर प्लान और विकास योजनाओं में बाधा बनने वाले ढांचों को हटाया जाएगा।
कार्रवाई से क्षेत्र के स्थानीय निवासियों में राहत की भावना है। लोगों का कहना है कि डेयरियों और कबाड़ खानों के चलते यहां लगातार यातायात की समस्या रहती थी। सड़कें संकरी हो गई थी। पशुओं की वजह से गंदगी और बदबू फैलती थी। रात के समय सुरक्षा का खतरा भी बढ़ गया था। इलाके में रहने वाले विनोद शुक्ला नामक निवासी ने कहा कि कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आज LDA ने आखिरकार इलाके को साफ कराया है। यह कदम सराहनीय है।
LDA अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि गोमती नगर विस्तार, अवध विहार योजना और आसपास की अन्य परियोजनाओं में अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा। अधिकारियों के अनुसार कई अन्य सेक्टरों में भी डेयरियों और झुग्गियों की शिकायतें मिली हैं,नगरपालिका और पुलिस विभाग के साथ मिलकर अगले चरण में भी कार्रवाई होगी। प्राधिकरण सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को पूरी तरह कब्जा मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है
LDA की नीति के अनुसार योजना की भूमि पर किसी भी प्रकार का व्यवसाय, डेयरी, झुग्गी या दुकान बिना अनुमति अवैध माना जाता है। डेयरियों को आबादी से दूर निर्धारित स्थानों पर संचालित करना अनिवार्य है। पशुओं को सड़क, विद्युत पोल या सार्वजनिक ढांचों से बांधना पूर्णतः प्रतिबंधित है। अवैध निर्माण मिलने पर बिना किसी पूर्व सूचना के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है।