अब फ्री में नहीं घूम सकेंगे एशिया का सबसे बड़ा पार्क, चुकाना होगा शुल्क
लखनऊ। एशिया के सबसे बड़े पार्क में देश भक्ति की भावना से लेकर मनोरंजन के पूरे साधन है। वीकेंड्स पर तो यहां भीड़ देखने को मिलती है लेकिन गोमती नगर और विस्तार में रहने वाले लोगों के लिए ये मॉर्निंग वाक के लिए फवौरिट है। वैसे तो जनेश्वर मिश्र पार्क में जाने के लिए मौजूदा समय में कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ता लेकिन अब जल्द ही यहां एंट्री टिकट लग सकती है। इसके लिए बैठक कर प्राधिकरण ने प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है।
कंगाली के दौर से गुजर रहा लखनऊ विकास प्राधिकरण अपनी आय का जरिया बढ़ाने और पार्क की मेंटेनन्स के लिए अब एंट्री टिकट लगाने की तैयारी की जा रही है। जानकारों का मानना है कि शासन स्तर से आदेश आने के बाद इस ओर कवायत की गयी है। त्योहारों की छुट्टी से पहले शासन स्तर पर जनेश्वर मिश्र पार्क से सम्बंधित बैठक का आयोजन किया गया था। सूत्रों ने बताया कि उसी बैठक में ये प्रस्ताव रखा गया था। हालाँकि अभी एलडीए के अफसर और इंजीनियर खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
पांच साल तक के बच्चे और सीनियर सिटीजन के लिए नहीं होगा शुल्क
सूत्र के अनुसार एलडीए ने पांच साल तक के बच्चों और सीनियर सिटीजन्स को शुल्क के दायरे से बहार रखा जा सकता है। इसके अलावा मार्निंग और इवनिंग वार्कर के लिए लोहिया पार्क की तर्ज पर मासिक पास की व्यवस्था रहेगी। जबकि आम वीजिटर से एलडीए दस रुपए एंट्री फीस के रूप में चार्ज प्रस्तावित है।
हर दिन आते हैं 3 हज़ार से अधिक लोग
टिकट लगाने से पहले एलडीए अधिकारियों ने इससे होने वाली आमदनी का अंदाजा भी लगा लिया है। 376 एकड़ में बने पार्क के सात गेटों में से एंट्री की जा सकती है। इसमें चार गेटों को सामन्य पब्लिक के खोला जाता है जहां तैनात सुरक्षा कर्मी द्वारा इनकी गिनती भी कराइ गयी है। एक अधिकारी के अनुसार 16 से 22 अक्टूबर तक ये गिनती कराइ गयी थी। इसमें सोमवार को 4500, मंगलवार को 3800, बुधवार को 4200, गुरुवार को 3400, शुक्रवार को 3600, शनिवार को 4000 और रविवार को 8300 लोग पार्क घूमने आये हैं। ऐसे में अगर पार्क में प्रवेश शुल्क रखा जाता है तो इससे अच्छी आए हो सकती है।
400 करोड़ खर्च लेकिन टिकट घर बनाना भूले
पार्क पर करीब चार सौ करोड़ रुपए खर्च किये गए हैं। अब इसमें टिकट वसूलने की कवायत भी की जा रही है। लेकिन निर्माण के दौरान इंजीनियर और अफसर टिकट घर ही बनाना भूल गए। सूत्रों का यहां तक कहना है कि पार्क में अब तक एंट्री टिकट न लगाने की ये भी एक वजह है। हालांकि टिकट व्यवस्था का मूड बना चुका एलडीए टिकट घर बनाने के साथ ही उसकी वैकल्पिक व्यवस्था पर भी विचार कर रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का था ड्रीम प्रोजेक्ट
जनेश्वर मिश्र पार्क पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता था। पांच अगस्त 2014 को खुद अखिलेश यादव ने ही इस पार्क का लोकार्पण भी किया था। उन्होंने गंडोला बोट के साथ हॉट एयर बलून में भी सवारी की थी।
एलडीए वीसी प्रभु एन सिंह का कहना है कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। शासन से अगर मंजूरी मिलती है तो ऐसा किया जाएगा।
जनेश्वर मिश्र पार्क क्यों है ख़ास
यहां लड़ाकू विमान, टैंक से लेकर गंडोला बोट और प्रदेश का सबसे ऊंचा झंडा लगा है। जनता को आकर्षित करने के लिए यहां समय समय पर फ़ूड फेस्टिवल, क्ले वर्कशॉप, आर्मी बैंड परफॉरमेंस और पेंटिंग कम्पटीशन जैसे आयोजन होते रहते हैं। ओपन जिम और झूले भी युवाओं को लुभाते हैं।