Lok Sabha Elections 2024: "आज पूरे देश में एक ही स्वर सुनाई पड़ रहा है, ‘रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर’। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपनी जनसभाओं में कहीं।
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच है। एक तरफ भगवान राम को नकारने वाले, रामभक्तों पर गोली चलवाने वाले, राम मंदिर को बेकार बनाने वाले लोग हैं तो दूसरी तरह पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त कराकर प्रभु रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान कराने वाले लोग हैं। आज पूरे देश में एक ही स्वर सुनाई पड़ रहा है, ‘रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर’। उन्होंने कहा कि यूपी पीएसी का नाम सुन घरों से दुबक जाते हैं दंगाई। सपा ने दंगाइयों की रीढ़ तोड़ने वाली पीएसी की 54 कंपनियों को समाप्त कर दिया था। हमने फिर सभी कंपनियों को बहाल किया। दंगा शांत हो जाता है तो जनता कहती है कि पीएसी तो आ गई है, योगी जी बुलडोजर भी भेज दीजिए।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपनी धुआंधार जनसभाओं में कहीं। उन्होंने गोरखपुर, मीरजापुर, पटना साहिब और आरा लोकसभा सीट पर लोकसभा प्रत्याशियों के पक्ष में वोट की अपील की।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में रामलाल को विराजमान करने के लिए 500 वर्षों की प्रतीक्षा के कालखंड को समाप्त करने वाले रामभक्त हैं। ये वो रामभक्त हैं जो प्रयागराज में निषादराज की 56 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित कराते हैं, निषादराज को पूरा सम्मान देते हैं। ऐसे में निषादराज के कोई भी अनुयाई रामद्रोहियों के साथ खड़े नहीं हो सकते। रामद्रोही कभी चैन से नहीं बैठ पाया है। वह कितना ही बड़ा क्यों ना हो, कितना ही ताकतवर हो, उसकी दुर्गति जरूर हुई है, उसका पतन जरूर हुआ है। उन्होंने कहा कि रामभक्त प्रभु के आशीर्वाद से प्रगति पर ध्यान देते हैं। योगी ने कहा कि क्षेत्र के लोग उनके परिवार के लोग हैं और यहां उनकी औपचारिक भाषण देने की इच्छा नहीं होती है।
मुख्यमंत्री ने मीरजापुर लोकसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां का नौजवान पढ़ने बाहर जाता था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हों या भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, इन्हें भी पढ़ने मीरजापुर से बाहर जाना पड़ा था। कोई दूसरे जनपद तो कोई रिश्तेदार के घर और छात्रावास रहने जाता था। साधन का अभाव था, फिर भी मेहनत से पढ़ते थे पर अब मीरजापुर वाले भी कह सकेंगे कि यहां विश्वविद्यालय है।