
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में न्यायालय ने हत्यारोपी दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। ऑपरेशन कनविक्शन के अंतर्गत चलाए जा रहे अभियान में यह आदेश आया है। जिसमें अभियोजन और मॉनिटरिंग सेल ने प्रभावी पैरवी की। अभियोजन विभाग से एडीजीसी अजय कुमार और विवेचक निरीक्षक पवन कुमार सोनकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
मांखी थाना क्षेत्र के शिवबक्श खेड़ा गांव निवासी विनोद पुत्र रामनरेश की बहन सपना की 12 जुलाई 2020 को हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में विनोद ने थाना में तहरीर देकर गांव के ही रहने वाले सुशील पुत्र प्रीतम और संदीप पुत्र दयाशंकर को नामजद किया था। आईपीसी की धारा 302 और 201 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने दोनों ही अभिव्यक्तियों को 12 जुलाई 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पुलिस ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार 27 सितंबर 2020 को पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र जमा कर दिया था। 28 मई 2024 को एडीजे प्रथम की अदालत ने सुशील और संदीप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। पैरवी करने वालों में एडीसी अजय कुमार, विवेचन निरीक्षक पवन कुमार सोनकर, उपनिरीक्षक राजेश कुमार, कांस्टेबल शुभम लंबा शामिल थे।
Published on:
29 May 2024 05:31 am
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