Love, Betrayal and Murder Shocking: लखनऊ में इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की हत्या के मामले में परिवार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। परिजनों का दावा है कि महिला के संपर्क में आने के बाद सूर्य ने अपनों से दूरी बना ली थी। इस सनसनीखेज हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।
Love, Betrayal and Murder: लखनऊ के शिवम ग्रीन सिटी, सलारगंज इलाके में हुए इंजीनियर सूर्य प्रताप सिंह की नृशंस हत्या के बाद जहां राजधानी में सनसनी है, वहीं उनके पैतृक गांव देवरिया जिले के बरहज क्षेत्र के परसियां भीखम गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव की हर गली में एक ही चर्चा है- “अगर वह उस महिला के संपर्क में न आता, तो शायद आज जिंदा होता।”
हत्या की सूचना मिलते ही परिवार ने लखनऊ में ही सूर्य प्रताप का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद से गांव का माहौल पूरी तरह शोक में डूबा हुआ है। सूर्य प्रताप का पैतृक घर बंद पड़ा है और दरवाजे पर ताला लटका हुआ है। रिश्तेदार और पट्टीदार भी लखनऊ रवाना हो गए हैं। परिजनों का कहना है कि बीते कई वर्षों से सूर्य प्रताप ने गांव आना-जाना लगभग बंद कर दिया था। पड़ोसियों के मुताबिक, पहले जो युवक हर त्योहार पर घर आता था, वह बीते चार-पांच साल से गांव की राह ही भूल गया था।
परिवार के लोगों का दावा है कि रत्ना के संपर्क में आने के बाद सूर्य प्रताप ने अपने माता-पिता, बहनों और रिश्तेदारों से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। धीरे-धीरे उसने फोन उठाना तक बंद कर दिया। रिश्तेदारों से मेल-मुलाकात लगभग समाप्त हो गई थी। गांव में यह चर्चा आम है कि रत्ना की नजर सूर्य प्रताप के लखनऊ स्थित मकान पर थी और इसी बात को लेकर उनके बीच कई बार विवाद भी हो चुका था।
परिजनों ने बताया कि सूर्य की मुलाकात रत्ना से लगभग 10 साल पहले हुई थी, जब सूर्य की उम्र करीब 22 साल थी। उस समय रत्ना अपने पति राजेंद्र और दो बेटियों के साथ जानकीपुरम की आकांक्षा विहार कॉलोनी में रहती थी। उस समय सूर्य प्रताप रत्ना की दोनों बेटियों को ट्यूशन पढ़ाने जाया करते थे। यहीं से उनके बीच परिचय शुरू हुआ, जो धीरे-धीरे गहरे रिश्ते में बदल गया।
करीब पांच साल पहले रत्ना के पति राजेंद्र की गंभीर बीमारी के कारण मौत हो गई थी। इसके बाद रत्ना ने सूर्य के परिवार से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने बीबीडी क्षेत्र में स्थित मकान को किराये पर देने का अनुरोध किया, जिसे मानवता के नाते परिवार ने स्वीकार कर लिया। इसी दौरान सूर्य का आना-जाना बढ़ गया और वह अधिकतर समय वहीं बिताने लगा। परिजनों का आरोप है कि इसी दौरान सूर्य और रत्ना के बीच संबंध और गहरे हो गए।
जब परिजनों को दोनों के गहरे संबंधों की जानकारी हुई तो उन्होंने इस रिश्ते का विरोध किया। परिवार के सवाल उठाने पर सूर्य ने किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार कर दिया, लेकिन जब शक बढ़ा, तो उसने परिवार की बात तक सुननी बंद कर दी। परिवार का कहना है कि सूर्य ने अपने माता-पिता से भी लगभग सभी संपर्क तोड़ लिए और रत्ना के साथ ही रहना शुरू कर दिया। एक होनहार इंजीनियर धीरे-धीरे अपने पूरे परिवार से कटता चला गया।
सूर्य प्रताप अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता नरेंद्र सिंह और मां ऊषा के लिए वह जीवन का सबसे बड़ा सहारा था। उसकी तीन बहनें पहले ही शादी होकर अपने-अपने ससुराल जा चुकी हैं। जैसे ही मां ऊषा को बेटे की हत्या की खबर मिली, वह बेसुध हो गईं। उन्होंने बिलखते हुए कहा, “हम बेटे को दूल्हा बनते देखना चाहते थे, लेकिन भगवान ने उसकी अर्थी दिखा दी।”
मंगलवार को सूर्य प्रताप का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि उसकी गर्दन की नस पूरी तरह कटी हुई थी। इसके अलावा सीने पर भी धारदार हथियार से किए गए कई गहरे वार पाए गए। डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित रखा है, ताकि यह जांच की जा सके कि पीड़ित को पहले नशीला पदार्थ दिया गया था या नहीं।
पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद पिता नरेंद्र सिंह ने पुलिस के सामने बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हत्या अकेले महिला और उसकी बेटियों के बस की बात नहीं है। इसमें किसी तीसरे व्यक्ति की भी भूमिका हो सकती है। उन्होंने पुलिस से रत्ना के कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल डाटा और संपर्कों की गहन जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि मकान अपने नाम कराने या उस पर कब्जे के लिए ही इस पूरी साजिश को अंजाम दिया गया।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि इस हत्याकांड की जांच कई एंगल से की जा रही है। आरोपियों से विस्तृत पूछताछ की जा रही है और हर पहलू पर जांच की जा रही है। बेटे के पिता द्वारा लगाए गए आरोपों की भी जांच की जा रही है।
इस मामले का एक चौंकाने वाला पहलू यह भी है कि हत्या के बाद रत्ना ने खुद ही पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दी थी। बीबीडी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और रत्ना को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि नाबालिग बेटियों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
आज परसियां भीखम गांव हो या लखनऊ का शिवम ग्रीन सिटी, हर जगह सिर्फ एक ही सवाल है- आखिर एक पढ़ा-लिखा युवक इस तरह अपनी जिंदगी की कीमत कैसे चुकाने पर मजबूर हो गया? ग्रामीणों का कहना है कि सूर्य सीधा-सादा और मेहनती लड़का था, जिसे कोई अंदाजा नहीं था कि उसका जीवन ऐसे दर्दनाक मोड़ पर खत्म हो जाएगा।