ED Raids Ex-BSP MLA: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए लखनऊ, नोएडा और मुंबई समेत आठ ठिकानों पर छापेमारी की। मामला 754 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है, जो गंगोत्री इंटरप्राइजेज कंपनी से संबंधित है।
ED Raid Bank Loan Scam Vinay Shankar Tiwari: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर उस वक्त गर्मा गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार से जुड़ी कंपनियों पर बड़ी छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया। मामला 754 करोड़ रुपए के बैंक लोन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। छापेमारी की यह कार्रवाई लखनऊ, नोएडा और मुंबई में फैले कुल आठ ठिकानों पर की गई।
ईडी की टीम ने यह रेड विनय शंकर तिवारी और उनकी पारिवारिक कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड से जुड़े दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की तलाश में की है। यह कंपनी अब सवालों के घेरे में है, क्योंकि इसने 14 बैंकों के कंसोर्टियम से लिया गया 754 करोड़ रुपए का लोन कथित रूप से हड़प लिया।
ईडी की जांच के अनुसार गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने विभिन्न बैंकों से मिलकर बनाए गए कंसोर्टियम से करोड़ों रुपए का लोन लिया था। लेकिन यह लोन निर्धारित समय पर चुकाया नहीं गया और फंड का उपयोग संदिग्ध तरीके से किया गया। आरोप है कि लोन की राशि का बड़ा हिस्सा दूसरी फर्जी कंपनियों और व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
विनय शंकर तिवारी उत्तर प्रदेश की राजनीति का जाना-पहचाना नाम हैं। वे पूर्व मंत्री और दिग्गज ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं। खुद भी बसपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं और पूर्वांचल की राजनीति में उनका खासा प्रभाव रहा है। यही वजह है कि इस मामले में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है।
ईडी की लखनऊ यूनिट इस केस की जांच कर रही है और इससे पहले भी विनय शंकर तिवारी से कई बार पूछताछ हो चुकी है। खबर है कि उनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। बताया जा रहा है कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खातों और दस्तावेजों की गहन छानबीन की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार छापेमारी जिन स्थानों पर की गई, उनमें लखनऊ स्थित मुख्य दफ्तर, नोएडा में स्थित एक फ्लैट और मुंबई में एक व्यावसायिक कार्यालय शामिल हैं। इन स्थानों से ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, लैपटॉप और मोबाइल डिवाइस मिले हैं जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
यदि जांच में धनशोधन और बैंक फर्जीवाड़े के सबूत पुख्ता पाए जाते हैं तो ईडी PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत विनय शंकर तिवारी की चल-अचल संपत्तियों को जब्त कर सकती है। इसके अलावा गिरफ्तारी की कार्रवाई भी संभव है।
इस छापेमारी को यूपी की राजनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है। चूंकि हरिशंकर तिवारी परिवार का पूर्वांचल की राजनीति में खासा दबदबा रहा है, इसलिए इस कार्रवाई को सत्ता से जुड़े समीकरणों और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान का हिस्सा भी माना जा रहा है।
विपक्षी दलों ने अभी तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर हलचल तेज हो गई है। क्या यह कार्रवाई निष्पक्ष है या किसी रणनीति का हिस्सा, यह तो जांच के नतीजों के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।