महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज में यमुना बैंक रोड स्थित मदन मोहन मालवीय पार्क का सौंदर्यीकरण कार्य जारी है। 2 करोड़ रुपये की लागत से महामना की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। बच्चों के लिए वन्यजीव कलाकृतियां, नया प्रवेशद्वार और आधुनिक प्रसाधन सुविधाएं भी तैयार की जाएंगी, जो सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित हैं।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 जिसे 13 जनवरी से पौष पूर्णिमा की तिथि पर शुरू किया जाएगा के लिए प्रयागराज में निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्य तेजी से चल रहे हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण परियोजना मदन मोहन मालवीय पार्क का जीर्णोद्धार है। यह पार्क न केवल शहर की पहचान है, बल्कि महामना मदन मोहन मालवीय जी के योगदान को भी दर्शाता है।
महामना मदन मोहन मालवीय जी का नाम प्रयागराज की महान विभूतियों में शुमार है। उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में भी महाकुंभ की परंपरा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। महाकुंभ में उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए, पार्क में उनकी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उनकी प्रेरणादायक जीवन गाथा से अवगत कराएगी।
वन विभाग करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से इस पार्क का सौंदर्यीकरण कर रहा है। जिला वन अधिकारी अरविंद यादव ने बताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में संचालित हो रही है। इसमें प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
महामना की प्रतिमा का निर्माण: पार्क के मध्य में महामना मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा लगाई जाएगी।
वन्यजीव कलाकृतियां: बच्चों के ज्ञानवर्धन और मनोरंजन के लिए वन्यजीवों की
कलाकृतियां लगाई जाएंगी।
नया प्रवेशद्वार: पार्क के मुख्य प्रवेशद्वार का पुनर्निर्माण होगा।
प्रसाधन सुविधाएं: महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग आधुनिक टॉयलेट बनाए जाएंगे।
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक हिस्सा लेंगे। ऐसे में पार्क का सौंदर्यीकरण महाकुंभ में आने वाले आगंतुकों को प्रयागराज की विरासत और संस्कृति से जोड़ने का प्रयास है। बच्चों के लिए वन्यजीव कलाकृतियां शिक्षाप्रद होंगी, जबकि आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों की सुविधा को बढ़ाएंगी।
.मेला क्षेत्र में नए पुलों और सड़कों का निर्माण।
.प्रयागराज शहर में सफाई और प्रकाश व्यवस्था।
.पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष पहल।
महामना मदन मोहन मालवीय जी ने महाकुंभ को सनातन परंपराओं के अनुसार बनाए रखने में जो योगदान दिया, वह हर पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने और भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।