बसपा सुप्रीमो मायावती ने मिशन 2027 की तैयारी तेज करते हुए प्रदेश संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। नए मंडलीय और स्थानीय टीमें बनाई हैं। साथ ही भाईचारा कमेटियों का पुनर्गठन कर सामाजिक संतुलन मजबूत करने की कवायद शुरू की है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने आगामी चुनावों से पहले संगठन में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने प्रदेशभर में नए सिरे से संगठन खड़ा करने की कवायद शुरू करते हुए मंडल स्तर पर दो-दो टीमें नियुक्त की हैं। एक मंडलीय कार्यों की जिम्मेदारी संभालेगी और दूसरी स्थानीय स्तर पर सक्रिय रहेगी।
इन स्थानीय टीमों की निगरानी मंडलीय कोऑर्डिनेटर करेंगे और उनकी रिपोर्ट सीधे मायावती को भेजी जाएगी। बसपा सुप्रीमो 16 अक्टूबर को सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन विस्तार और भविष्य की रणनीति पर विस्तृत निर्देश देने वाली हैं। हालांकि, जिला, विधानसभा, सेक्टर और पोलिंग बूथ कमेटियों के ढांचे में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। मायावती चाहती हैं कि कांशीराम की पुण्यतिथि पर हुई रैली जैसी सफलता अब हर स्तर पर दिखाई दे। पार्टी के अंदर निष्क्रिय पदाधिकारियों को हटाया गया है और सक्रिय चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लखनऊ मंडल में पूर्व सांसद धनश्याम चंद्र खरवार, सूरज सिंह जाटव, समसुद्दीन राइन, मौजी लाल गौतम और राकेश कुमार को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं।
पार्टी ने सामाजिक समीकरण मजबूत करने के लिए सभी जिलों में भाईचारा कमेटियों का भी पुनर्गठन किया है। इन कमेटियों में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा, वैश्य और मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इन्हें अपने-अपने समुदाय में बसपा का जनाधार बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
मायावती ने साफ कहा है कि “इस बार सरकार बनाने की लड़ाई में बसपा कोई कसर नहीं छोड़ेगी।” संगठन में यह बदलाव उसी दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।