Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव में मेयर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि 25 दिसंबर को चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। इसके लिए शासन स्तर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव की तैयारियो के बीच उत्तराखंड में मेयर, पालिकाध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्षों के पदों पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो गई है। कल शाम ही शासन ने इसके संबंध में अनंतिम अधिसूचना जारी कर दी थी। अधिसूचना जारी होते ही चेयरमैन पद पर चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रहे तमाम दावेदारों को करारा झटका भी लगा था। आज शासन स्तर से सभी निकायों में वार्ड सदस्यों और पार्षदों के आरक्षण से संबंधित अनंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी। ऐसे हालात में संभावना जताई जा रही है कि राज्य में 25 दिसंबर से निकाय चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। 20 जनवरी तक निकाय चुनाव संपन्न कराने की दिशा में काम चल रहा है।
उत्तराखंड में नगम निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में वार्डों के स्तर पर जिलाधिकारियों को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर प्रस्ताव शासन को देने के निर्देश निदेशालय के स्तर से दिए जा चुके हैं। जिला स्तर पर जिलाधिकारी 14 दिसंबर तक निकायों में वार्डों का प्रस्ताव तैयार करेंगे। 15 दिसंबर से 21 दिसंबर तक सात दिनों में आपत्ति एवं दावों के लिए अनंतिम अधिसूचना जारी करेंगे। 22 दिसंबर को दावों एवं आपत्तियों पर सुनवाई की जाएगी।
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों में इस बार ओबीसी का प्रतिनिधित्व तीन गुना हो जाएगा। वर्ष 2018 में हुए निकाय चुनावों में 10 सीटों के मुकाबले इस बार ओबीसी को 30 सीटों पर प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकता है। नगर निकाय चुनाव में इस बार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से ओबीसी आरक्षण लागू किया गया है। वर्ष 2018 के निकाय चुनाव तक सभी निकायों में 14 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू था, जो कि इस बार बदल गया है। अब निकायों में ओबीसी की आबादी के हिसाब से सीटों का आरक्षण तय किया गया है।