Monkeypox Alert: मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी एंट्री प्वाइंट्स पर मंकीपॉक्स के मरीजों की स्क्रीनिंग की जाए। राज्य स्तर पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है ताकि समय पर सहायता मिल सके।
Monkeypox Alert: देश में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य स्तर पर एडवाइजरी जारी कर दी है। डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिलों के एंट्री प्वाइंट्स पर मंकीपॉक्स के संदिग्ध रोगियों की स्क्रीनिंग होनी चाहिए।
डिप्टी सीएम ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को "पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न" घोषित किया है। इसके तहत संदिग्ध रोगियों का चिन्हीकरण, सैंपल कलेक्शन और उपचार की व्यवस्था की गई है। सैंपल राज्य संदर्भन प्रयोगशाला (डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी, KGMU) को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 18001805145 भी जारी किया है, जिस पर आम लोग जानकारी ले सकते हैं।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, "सभी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के मामलों के लिए तैयारी करनी होगी और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट तुरंत स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति विदेश यात्रा से लौटता है या मंकीपॉक्स प्रभावित क्षेत्र से आता है, तो उसकी विशेष निगरानी की जाएगी।
मंकीपॉक्स के प्रारंभिक लक्षणों में शरीर पर दाने, तेज बुखार, अत्यधिक कमजोरी और लसीका ग्रंथियों में सूजन शामिल हैं। यह बीमारी संक्रमित रोगी के सीधे संपर्क में आने से फैल सकती है। इसलिए, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।
प्रदेश के सभी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों और जन स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध मामले की रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के प्रमुख शहरों, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, और बस स्टैंडों पर विशेष टीमें तैनात की गई हैं ताकि यात्रियों की स्क्रीनिंग हो सके।
मंकीपॉक्स का कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को प्रबंधित करने और बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए कुछ उपाय और दवाएं उपलब्ध हैं। जो निम्नलिखित हैं।
बुखार और दर्द: बुखार और दर्द को कम करने के लिए पेरासिटामोल (Paracetamol) जैसी दवाओं का उपयोग किया जा सकता है।
दाने और खुजली: त्वचा पर होने वाले दाने और खुजली के लिए एंटीहिस्टामिन दवाएं या कैलामाइन लोशन का उपयोग किया जा सकता है।
हाइड्रेशन: रोगी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ (जैसे पानी, ओआरएस) का सेवन कराना चाहिए।
पोषण: शरीर को मजबूत बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन आवश्यक है।
Tecovirimat (TPOXX): मंकीपॉक्स के इलाज के लिए एक एंटीवायरल दवा है जिसे कुछ मामलों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा अमेरिका और यूरोपीय संघ में मंकीपॉक्स और अन्य ऑर्थोपॉक्सवायरस के लिए अनुमोदित है।
Cidofovir और Brincidofovir: ये दवाएं भी मंकीपॉक्स के इलाज में मदद कर सकती हैं, लेकिन इनका उपयोग केवल गंभीर मामलों में और डॉक्टर की सलाह पर किया जाता है।
मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट किया जाना चाहिए ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके।
संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उचित स्वच्छता और सावधानी बरती जानी चाहिए, जैसे कि हाथ धोना, मास्क पहनना, और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आना।
जिनोस वैक्सीन (JYNNEOS या Imvamune/Imvanex): मंकीपॉक्स और स्मॉल पॉक्स के लिए उपयोगी वैक्सीन है। इसका उपयोग मंकीपॉक्स के संपर्क में आने के बाद पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) के रूप में भी किया जा सकता है।
मरीज की नियमित निगरानी आवश्यक है ताकि बीमारी की प्रगति को देखा जा सके और किसी भी गंभीर लक्षण के मामले में उचित चिकित्सा प्रबंधन किया जा सके।
मंकीपॉक्स का इलाज केवल चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।
किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
उचित आइसोलेशन, स्वच्छता, और हेल्थकेयर गाइडलाइन्स का पालन करना बहुत जरूरी है।
इन उपायों के साथ मंकीपॉक्स से बचाव और इलाज के लिए जागरूक रहना और सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है।