Monsoon Storm: उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश ने तबाही मचाई है। प्रयागराज, मिर्जापुर, चित्रकूट जैसे जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सात लोगों की मौत हो चुकी है और कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
Monsoon Havoc in UP: उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश ने तबाही मचा दी है। प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। बुधवार और बृहस्पतिवार को गरज-चमक के साथ हुई तेज बारिश ने नदियों, नालों और शहरों को जलमग्न कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि अलग-अलग हादसों में सात लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आज यानी शुक्रवार को भी बुंदेलखंड और दक्षिणी यूपी के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। प्रयागराज, बांदा, चित्रकूट, झांसी, ललितपुर, महोबा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों जैसे कानपुर, आगरा, मथुरा आदि में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
प्रयागराज में बृहस्पतिवार को 91 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। शहर के विभिन्न इलाकों में जलभराव से लोग घंटों फंसे रहे। गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। गंगा की तेज लहरों से कई नावें डूब गईं और कई बहाव में दूर तक चली गईं। नाविकों को भारी नुकसान हुआ है। जिले में बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की जान चली गई।
बांदा में दो लोगों की मौत हुई जबकि कानपुर में एक व्यक्ति की जान चली गई। इन हादसों में अधिकांश मौतें करंट लगने, दीवार गिरने और डूबने से हुईं। इन जिलों में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित रही और कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट की स्थिति बनी रही।
मिर्जापुर में दो दिन से हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। चुनार में गुरुवार को 240 मिमी बारिश दर्ज की गई। तेज बारिश के कारण पहाड़ी नालों और नदियों में उफान आ गया, जिससे बंधों के फाटक खोलने पड़े। अंडरपासों में जलभराव से वाहन फंस गए। कई गांवों का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया।
सहारनपुर जिले में शिवालिक पहाड़ियों पर हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई नदियों में अचानक तेज बहाव आ गया। शाकंभरी, बादशाही, शफीपुर, खुवासपुर और शाहपुर गाडा में नदियों और रपटों पर बने पुलों को पार करना मुश्किल हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से कई मार्गों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
चित्रकूट में गुरुवार को 105 मिमी बारिश हुई, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए। मंदाकिनी नदी शाम पांच बजे तक खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही थी। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
प्रयागराज में 209 मिमी, जौनपुर में 142 मिमी, सोनभद्र में 100 मिमी और वाराणसी में 92.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। जलभराव के कारण इन जिलों में भी सड़कों पर आवाजाही प्रभावित रही। स्कूलों को एहतियातन बंद कर दिया गया और कुछ इलाकों में राहत-बचाव दलों को तैनात किया गया।
एक राहत की खबर यह है कि अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भूगोल विभाग में लगे उपकरण के माध्यम से छह घंटे पहले ही यह बताया जा सकेगा कि कहां बिजली गिरने वाली है। यह उपकरण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लगाया गया है। यह ट्रांसमीटर और सेंसर के जरिए बादलों के बीच होने वाली हलचलों पर नजर रखता है और इसरो को डेटा भेजता है। यह प्रणाली 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले जिलों के लिए अलर्ट जारी करने में सक्षम है।
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से सभी जिलों में आपदा प्रबंधन दल को सतर्क कर दिया गया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस राहत कार्यों में जुटी हैं। कुछ इलाकों में नावों और ट्रैक्टरों के माध्यम से लोगों को निकाला जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को हालात पर नजर बनाए रखने और तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।