Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच सरकार ने निकायों में आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी है। अध्यादेश मंजूर होने के बाद सरकार ने आरक्षण की पूरी नियमावली तय कर दी है। अपर सचिव ने इसकी अधिसूचना जारी भी कर दी है। आगे पढ़ें कि नगर निकायों में आरक्षण का फार्मूला किस प्रकार रहेगा…
Municipal Elections:नगर निकाय चुनाव की तैयारियो के बीच आरक्षण का अध्यादेश मंजूर होते ही उत्तराखंड में सरकार ने नियमावली तय कर दी है। अपर सचिव गौरव कुमार ने गुरुवार शाम अधिसूचना जारी कर दी है। जारी अधिसूचना के अनुसार आरक्षण को आबादी के मानक के अनुसार लागू लिया जायेगा। लेकिन यह किसी भी दशा में 50 से अधिक नहीं होगा। बताया जा रहा है कि शनिवार तक आरक्षण का अंनतिम प्रारूप जारी कर दिया जाएगा। इस पर आपत्तियां दर्ज कराने के लिए सात दिन का समय मिलेगा। उसके बाद स्थिति एकदम स्पष्ट हो जाएगी। राज्य में जनवरी में नगर निकाय चुनाव की तैयारी चल रही है। दिसंबर लास्ट तक आचार संहिता भी लागू होने की संभावना जताई जा रही है।
एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए किसी नगर निगम में आरक्षित किये जाने वाले स्थानों की संख्या आरक्षित वर्ग के लिए तय स्थानों की संख्या के एक तिहाई से कम नहीं होगी। यदि स्थानों की ऐसी संख्या का अवधारण करने में कोई शेष बचता है तो भागफल में एक बढ़ा दिया जायेगा। इस प्रकार प्राप्त संख्या एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के आरक्षित किये जाने वाले स्थानों की संख्या होगी।
निकाय चुनाव में महिलाओं के लिये आरक्षित किये जाने वाले स्थानों की संख्या उस निगम में कुल स्थानों की संख्या के एक तिहाई से कम न होगी। यदि अवधारण करने में कोई शेष बचता है तो भागफल में एक बढ़ा दिया जायेगा और इस प्रकार प्राप्त संख्या एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए तय स्थानों की संख्या को सम्मिलित करते हुए महिलाओं के लिए आरक्षित किये जाने वाले स्थानों की संख्या होगी।
निगमों के नगर प्रमुख के कुल पदों की संख्या के निकटतम उसी समानुपात में हो जो राज्य के नगर निगमों में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या ऐसे क्षेत्र की कुल जनसंख्या में है। यदि ऐसे पदों की संख्या तय करने में कोई शेष बचता है तो यदि वह भाजक का आधा या आधे से कम हो तो उसे छोड़ दिया जायेगा। यदि भाजक के आधे से अधिक हो तो भागफल में एक बढ़ा दिया जायेगा और इस प्रकार प्राप्त संख्या यथास्थिति, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किये जाने वाले पदों की संख्या होगी।