लखनऊ

Lucknow Rain Flooding: तेज बारिश ने लखनऊ को किया पानी-पानी: मरीन ड्राइव में फंसी कारें, कॉलोनियों में भरा पानी  

Lucknow Heavy Rainfall: लखनऊ में शनिवार रात तेज बारिश और आंधी ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। सड़कों से लेकर कॉलोनियों, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और औद्योगिक क्षेत्रों तक जलभराव से शहर थम गया। बिजली के खंभे गिर गए और कई इलाकों में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।

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Jul 13, 2025
Lucknow Waterlogging फोटो सोर्स : Patrika

Lucknow Rain: लखनऊ में शनिवार रात को आई तेज आंधी और मूसलाधार बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। लगभग एक घंटे की बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया। कॉलोनियों, सड़कों, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हाईवे और औद्योगिक क्षेत्रों तक में पानी भर गया, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया।

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शहर के अधिकांश हिस्सों में जलभराव

लखनऊ के प्रमुख इलाकों ऐशबाग, बाजारखाला, मोतीझील, तेलीबाग, ट्रांसपोर्ट नगर, सरोजनी नगर, अलीगंज, गोमती नगर, राजाजीपुरम, हजरतगंज और चारबाग में जलभराव की स्थिति बन गई। ऐशबाग के मोतीझील इलाके में तेज बारिश के बाद बिजली के छह खंभे गिर गए, जिससे लगभग 500 घरों की बिजली सप्लाई ठप हो गई। बाजारखाला में एक कॉलोनी की जर्जर बाउंड्री वॉल भी गिर गई, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई।

मरीन ड्राइव बनी झील, फंसी कारें

मरीन ड्राइव, जिसे राजधानी के सबसे सुंदर और व्यवस्थित इलाकों में गिना जाता है, वह भी इस बारिश से अछूता नहीं रहा। तेज बारिश के चलते मरीन ड्राइव जलमग्न हो गया और वहां खड़ी कई गाड़ियां पानी में फंस गईं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए, जिसमें देखा जा सकता है कि कारों के आधे हिस्से तक पानी भर गया था।

हाइवे बन गए नदी

बारिश सिर्फ शहर तक सीमित नहीं रही, बल्कि सुलतानपुर, अयोध्या और सीतापुर हाइवे भी बारिश की चपेट में आ गए। हाइवे पर जलभराव इतना अधिक था कि वाहन चालकों को वाहन चलाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई स्थानों पर गाड़ियां बंद हो गईं और जाम की स्थिति बन गई।

रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भी मुश्किल

चारबाग रेलवे स्टेशन के सरकुलेटिंग एरिया में भी पानी भर गया। यात्रियों को पानी में चलकर प्लेटफार्म तक पहुंचना पड़ा। यही हाल लखनऊ एयरपोर्ट का भी रहा, जहां प्रवेश द्वार से लेकर टर्मिनल तक जलभराव हो गया। बारिश के चलते यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

औद्योगिक क्षेत्र में भी पानी ही पानी

सरोजनी नगर औद्योगिक क्षेत्र में हर साल की तरह इस बार भी जलभराव की समस्या सामने आई। नगर निगम और यूपीसीडा द्वारा वर्षभर की गई तैयारियां बारिश के पहले ही दिन धरी की धरी रह गईं। सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के महासचिव रितेश श्रीवास्तव ने बताया कि जल निकासी की व्यवस्था न होने से यह हालत बनी। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए।

शाखाएं टूटी, दुर्घटना टली

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई पुराने पेड़ों की शाखाएं टूटकर सड़क पर गिर पड़ीं। हालांकि, सौभाग्य से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। छावनी क्षेत्र की ओर जाने वाली सड़कों पर शाखाएं गिरने से थोड़ी देर के लिए आवागमन प्रभावित हुआ।

नगर निगम की पोल खुली

हर साल की तरह इस बार भी नगर निगम की लापरवाही उजागर हो गई। महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त द्वारा नाले-नालियों की सफाई के निर्देश दिए जाने के बावजूद व्यवस्थाएं कागजों तक ही सीमित रहीं। नालों की सफाई न होने के कारण बारिश का पानी सड़कों पर बह निकला और लोगों की आवाजाही मुश्किल हो गई।

रेलवे पर नहीं पड़ा असर

हालांकि उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के रेलखंडों पर बारिश का कोई खास असर नहीं पड़ा। जलभराव की स्थिति जरूर बनी लेकिन ट्रेनों का संचालन सामान्य रूप से जारी रहा।

व्यापारी और आम लोग परेशान

ट्रांसपोर्ट नगर, अमीनाबाद, आलमबाग जैसे वाणिज्यिक क्षेत्रों में व्यापारी जलभराव से परेशान हैं। दुकानों में पानी घुसने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही, तो बीमारी फैलने का भी खतरा है।

प्रशासनिक चुप्पी पर सवाल

पूरे शहर में जलभराव की स्थिति बनने के बाद भी प्रशासनिक अमला मौके पर कहीं नजर नहीं आया। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी न तो कॉल रिसीव कर रहे हैं और न ही किसी प्रकार की राहत व्यवस्था नजर आ रही है। जनता प्रशासन से सवाल कर रही है कि हर साल करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद हालात क्यों नहीं सुधरते।  एक घंटे की बारिश ने लखनऊ की अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। नालों की सफाई से लेकर जल निकासी तक की व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल साबित हुईं। आम लोगों से लेकर व्यापारी वर्ग तक सब परेशान हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि नगर निगम और प्रशासन इस स्थिति से सबक लेकर कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर अगली बारिश तक सबकुछ भुला दिया जाएगा।

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