Hindu Marriage Traditions: दिसंबर 2025 में विवाह के केवल तीन ही शुभ मुहूर्त शेष हैं, क्योंकि 11 दिसंबर को शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। शुक्र अस्त रहने पर विवाह सहित सभी मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। जनवरी 2026 में भी एक भी विवाह मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा और शुभ कार्य फरवरी से पुनः शुरू होंगे।
Auspicious Wedding Dates Left in 2025 as Venus Sets on 11 December: हिंदू विवाह परंपरा में शुभ मुहूर्त और ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का अत्यंत महत्व होता है। विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण जैसे मांगलिक कार्य किसी भी समय नहीं किए जाते, बल्कि इसके लिए विशेष रूप से ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ समय निर्धारित किया जाता है। लखनऊ के सर्व मंदिर के पंडित शक्ति मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2025 अब अंतिम चरण में है और दिसंबर का महीना भी शुरू हो चुका है, लेकिन इस बार दिसंबर में विवाह के शुभ समय बेहद सीमित हैं। इसका मुख्य कारण है,शुक्र तारा का अस्त होना, जिसे ज्योतिष में मांगलिक कार्यों के बाधित होने का प्रमुख कारण माना जाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 11 दिसंबर 2025 को शुक्र तारा अस्त हो जाएगा और फिर लगभग 52 दिनों तक अस्त ही रहेगा। इस अवधि में विवाह, सगाई, गृह प्रवेश और बड़े शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। यही कारण है कि दिसंबर में केवल तीन ही विवाह मुहूर्त उपलब्ध हैं। 5, 6 और 7 तारीख। इसके बाद पूरे महीने और आगामी जनवरी 2026 में एक भी विवाह योग्य मुहूर्त नहीं रहेगा।
ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे के अनुसार 11 दिसंबर से शुक्र तारा अस्त हो जाएगा। हिन्दू शास्त्रों में शुक्र को विवाह, प्रेम, सौंदर्य, दांपत्य जीवन और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। जब शुक्र अस्त होता है, तब उसकी शुभ ऊर्जा क्षीण मान ली जाती है। इसी कारण विवाह, सगाई, उपनयन और नए दांपत्य जीवन की शुरुआत रोक दी जाती है।
अस्त अवधि खत्म होने से पहले विवाह की अनुमति नहीं दी जाती, इस कारण दिसंबर 2025 में इच्छुक लोगों के लिए केवल तीन तिथियाँ (5, 6, 7 दिसंबर) ही उपलब्ध होंगी।
स्वस्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल का कहना है कि इस बार शादी के इच्छुक लोगों को थोड़ा और धैर्य रखना होगा। 11 दिसंबर 2025 से शुक्र अस्त होगा और 1 फरवरी 2026 को उदय। इस दौरान लगभग 52 दिनों तक विवाह जैसे शुभ कार्य पूरी तरह वर्जित रहेंगे।
इस प्रकार-
नागपाल के अनुसार वर्ष 2026 की शुरुआत में हालांकि एक महीने की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी, लेकिन उसके बाद विवाह मुहूर्तों की अच्छी संख्या मिलने वाली है।
जैसे ही 1 फरवरी 2026 को शुक्र उदय होगा, उसके बाद से पुनः मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। फरवरी से लेकर वर्ष के अंत तक कुल मिलाकर 54 शुद्ध शुभ विवाह मुहूर्त उपलब्ध रहेंगे। इनमें से सबसे अधिक मुहूर्त फरवरी और मार्च में मिलेंगे, क्योंकि 14 मार्च के बाद मीन खरमास शुरू हो जाएगा, जिसमें भी विवाह वर्जित होते हैं।
नीचे वर्ष 2026 में उपलब्ध सभी विवाह मुहूर्त महीनों के अनुसार दिए जा रहे हैं, जिससे विवाह की योजना बनाने वाले लोग आसानी से अपने अनुकूल तिथि चुन सकें:
शुक्र ग्रह को वेद और ज्योतिष में ‘दैत्य गुरु’ कहा गया है और दांपत्य तथा प्रेम संबंधों का मुख्य ग्रह माना जाता है। मान्यता है कि
ज्योतिष विज्ञान में अस्त होने से आशय है कि ग्रह सूर्य की तेज रोशनी में अदृश्य हो जाता है, जिससे उसकी शुभता प्रभावहीन मानी जाती है।
लखनऊ के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल केवल तीन ही तिथियाँ शेष हैं-