Padma Awards 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को 71 प्रमुख हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। इनमें यूपी के हृदय नारायण, आचार्य गणेश्वर, श्याम बिहारी व सत्यपाल शामिल हैं।
Padma Awards 2025: उत्तर प्रदेश के चित्रकार व लेखक डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा का शुभ समय तय करने वाले वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पैरा एथलेटिक्स कोच डॉ. सत्यपाल सिंह को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने पद्म श्री पुरस्कार दिया।
राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह उपस्थित रहे। केजीएमयू कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद समेत शेष लोगों को शीघ्र ही एक अलग समारोह में ये अलंकरण प्रदान किए जाएंगे।
इस वर्ष 25 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर कुल 139 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को देश के नागरिक पुरस्कारों पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री के लिए नामित किया गया था। इनमें से 71 हस्तियों को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में राष्ट्रपति भवन में ये पुरस्कार प्रदान किए गए। शेष को शीघ्र ही एक अलग समारोह में ये अलंकरण प्रदान किए जाएंगे।
पद्म श्री से 57 प्रमुख हस्तियों को सम्मानित किया गया। इनमें एसबीआई की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य, उद्योगपति पवन कुमार गोयनका, मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, मास्टर कलाकार भीमाव्वा डोड्डाबलप्पा शिलेक्याथारा को भी पद्म श्री से नवाजा गया। एम्स के पूर्व निदेशक एके महापात्रा व पंजाबी गायिका जसपिंदर नरूला कौल को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
पद्म भूषण से सम्मानित होने वालों में पंकज उधास (मरणोपरांत), सुशील कुमार मोदी (मरणोपरांत), बालकृष्ण कपूर, पूर्व हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश, तमिल अभिनेता एस. अजित कुमार, जाइडस लाइफसाइंसेज के चेयरपर्सन पंकज पटेल व भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर विनोद धाम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डॉ. श्याम बिहारी अग्रवाल ने अपनी सृजनशीलता से कला जगत में अमिट छाप छोड़ी है। हृदय नारायण दीक्षित को यह सम्मान उनकी लेखनी दर्शन और जीवन मूल्यों की अभिव्यक्ति है। वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ को उन्होंने साहित्य और शिक्षा जगत का प्रकाश स्तंभ बताया। डॉ. सत्यपाल सिंह को उनके विलक्षण खेल कौशल, समर्पण की वजह से सम्मान मिला है।