Preparations to stop forest fire:जंगलों में आग बुझाने के लिए इस फायर सीजन में पैरामिलिट्री फोर्स और एनडीआरएफ तैनात की जाएगी। पिछले फायर सीजन में व्यापक जनहानियों को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है। पिछले साल जंगलों की आग में कई लोग जिंदा जल गए थे।
Preparations To Stop Forest Fire: उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। वन अनुभाग ने वनाग्नि रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जिलों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसी को देखते हुए अल्मोड़ा जिले में जंगलों की आग से निपटने के लिए व्यापक रणनीति पर काम किया जा रहा है।
जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय के मुताबिक वनाग्नि की दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए फायर सीजन में एनडीआरएफ, पैरामिलिट्री फोर्स क्विक रिएक्शन टीम सहित अन्य रेखीय विभागों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग ने वनाग्नि को आपदा घोषित किया है।
डीएम ने इस संबंध में आदेश भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। बताया कि इस बार जंगलों की आग को रोकने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा पैरामिलिट्री फोर्स को भी जिम्मेदारी दी जाएगी। इस संबंध में उन्होंने डीएफओ और सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल में जिले केअन्तर्गत किसी भी स्थान पर वनाग्नि की घटना संज्ञान में आने पर दुर्घटनाओं को न्यून किये जाने के लिए प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएं।
डीएम ने लोगों से वनाग्नि की सूचना देने की अपील की है। साथ ही इसके लिए जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम के फोन नंबर और टॉल फ्री नंबर भी जारी कर दिया है। उन्होंने वनाग्नि की सूचना जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र 05962-237874/237875 मो० 7900433294 और वनाग्नि नियंत्रण कक्ष अल्मोड़ा के मोबाइल नंबर 9456596650, 9456596651 में देने की अपील भी की है। साथ ही टॉल फ्री नंबर 18001804141 पर भी वनाग्नि की सूचना दी जा सकती है।
अल्मोड़ा जिले में पिछले साल वनाग्नि ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। जिले में वनाग्नि की तीन घटनाओं में पिछले साल 11 लोग जिंदा जल गए थे। इनमें एक घटना में एक व्यक्ति जबकि दूसरी घटना में तीन नेपाल नागरिक जिंदा जल गए थे। तीसरी और सबसे बड़ी घटना बिनसर में घटी थी, जहां जंगल की आग बुझाते हुए सात वन कर्मी जिंदा जल गए थे। ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। इसी को देखते हुए इस बार अल्मोड़ा प्रशासन वनाग्नि की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रभावी योजना बना रहा है।