Pawan Khera on Yogi Adityanath: कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा की संगठनात्मक कमजोरी और चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी सुरक्षित नहीं है।
Pawan Khera said CM Yogi chair is in danger: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बुधवार, 23 जुलाई 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति पर जोरदार हमला बोला। अपने बयान में खेड़ा ने भाजपा की आंतरिक राजनीति में उथल-पुथल और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गिरती साख पर चिंता जताई।
पवन खेड़ा ने सबसे बड़ा राजनीतिक तीर उत्तर प्रदेश की सत्ता पर चलाया। उन्होंने कहा, “बीजेपी अपने संगठनात्मक ढांचे में इतनी उलझ गई है कि अब अपने ही अध्यक्ष का चयन नहीं कर पा रही। यही नहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुर्सी भी अब सुरक्षित नहीं मानी जा रही।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा के अंदर मुख्यमंत्री योगी को लेकर गंभीर अंदरूनी मतभेद चल रहे हैं और पार्टी नेतृत्व उनके नाम पर एकमत नहीं रह गया है।
भाजपा की वर्तमान स्थिति पर हमला बोलते हुए खेड़ा ने कहा, “पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नहीं बचा जिसे सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सके। संगठन नेतृत्वविहीन हो चुका है और शीर्ष पदों को लेकर गहरी खींचतान है।” उन्होंने इस बात को भाजपा की गिरती राजनीतिक सेहत का संकेत बताया।
पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा, “आज जब कांग्रेस चुनाव आयोग से सवाल करती है तो जवाब बीजेपी देती है, और जब बीजेपी से सवाल करते हैं तो जवाब चुनाव आयोग देता है।” उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक बताया और कहा कि जनता अब इस खेल को समझने लगी है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “अब ‘मोटा भाई’ और ‘छोटा भाई’ का भय खत्म हो रहा है। देश की जनता अब डरने वाली नहीं है, बल्कि जवाब मांगने लगी है।”
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक दिए गए इस्तीफे पर भी पवन खेड़ा ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा हो और ठीक उसी वक्त उपराष्ट्रपति का इस्तीफा सामने आए, तो सवाल उठना लाजिमी है। क्या यह सिर्फ संयोग है या कोई सोची-समझी साजिश?”
उन्होंने मांग की कि उपराष्ट्रपति को खुद सामने आकर अपने इस्तीफे की असली वजह स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर टिप्पणी करते हुए खेड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री चीन और अमेरिका से कठिन सवालों से कतराते हैं। वे विदेश दौरों के ज़रिए जनता का ध्यान घरेलू मुद्दों से भटकाने की कोशिश करते हैं।”
पवन खेड़ा के इस तीखे बयान ने देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस जहां मोदी सरकार को घेरेने की रणनीति में आक्रामक हो रही है, वहीं भाजपा खेड़ा के दावों को ‘झूठ और भ्रम’ बता रही है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या पवन खेड़ा के इस बयान के बाद भाजपा कोई प्रतिक्रिया देती है या फिर इस बयान को नज़रअंदाज़ करती है। लेकिन एक बात साफ है - आगामी चुनावों से पहले देश की राजनीति में बहस और आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज़ होने वाला है।