लखनऊ

PMAY Grami: प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: 31 मार्च 2025 तक पूरा होगा आवास प्लस सर्वेक्षण, तेज हुई प्रक्रिया

PMAY Update: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत किए जा रहे आवास प्लस सर्वेक्षण को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आदेश जारी किया है कि 31 मार्च 2025 तक सर्वेक्षण कार्य हर हाल में पूरा किया जाए। इस प्रक्रिया को गति देने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के संविदा कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।

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Feb 18, 2025
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: तेजी से हो रहा सर्वेक्षण, नए लाभार्थियों का होगा चयन

PMAY Beneficiaries: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत उत्तर प्रदेश में आवास प्लस सर्वेक्षण कार्य तेज कर दिया गया है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बेघर लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना के सर्वेक्षण कार्य की निगरानी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कर रहे हैं। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग के संविदा कर्मचारियों को इस कार्य में लगाने की अनुमति दी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि सर्वेक्षण पूरी पारदर्शिता के साथ हो और केवल पात्र लोगों को ही योजना का लाभ मिले।

31 मार्च 2025 तक पूरा होगा सर्वेक्षण

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस सर्वेक्षण कार्य को 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इस समय सीमा का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके लिए ग्राम्य विकास विभाग के अलावा अन्य विभागों के संविदा कर्मचारियों को भी तैनात किया जाएगा, जिससे सर्वेक्षण कार्य में तेजी आए।

संविदा कर्मियों को मिलेगी जिम्मेदारी

इस सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), उत्तर प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन और सोशल ऑडिट विभाग के कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे। ग्राम्य विकास आयुक्त जी. एस. प्रियदर्शी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जरूरत के अनुसार इन विभागों के जनपद, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर के संविदा कर्मियों की सेवाएं ले सकते हैं।

पात्रों को मिलेगा आवास, अपात्रों को नहीं मिलेगा लाभ

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सर्वेक्षण के दौरान किसी भी पात्र व्यक्ति को योजना से वंचित न किया जाए, लेकिन अपात्रों का चयन भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार किया जाए ताकि केवल जरूरतमंद लोगों को ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल सके।

आवास प्लस सर्वेक्षण क्यों है जरूरी?

आवास प्लस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य उन लाभार्थियों की पहचान करना है जिन्हें अब तक योजना का लाभ नहीं मिला है। इस सर्वे के तहत बेघर, कच्चे मकान में रहने वाले और जरूरतमंद परिवारों की पहचान कर उन्हें आवास उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत हर जरूरतमंद को 2025 तक पक्का घर देने का लक्ष्य रखा गया है। यह योजना गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

कैसे होगा सर्वेक्षण?

गांवों में घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आंकड़े अपडेट किए जाएंगे
पात्रता की जांच के लिए सरकारी दस्तावेजों का सत्यापन होगा
आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाते की जांच की जाएगी

कौन-कौन होंगे प्राथमिकता में?

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नीचे दिए गए प्राथमिकता वाले समूहों को पहले लाभ दिया जाएगा:

  • बेघर और झोपड़ी में रहने वाले परिवार
  • कच्चे मकान में रहने वाले लोग
  • अत्यंत गरीब परिवार
  • विधवा और दिव्यांगजन
  • भूमिहीन श्रमिक और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग

क्या बोले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य?

  •  "हम चाहते हैं कि 31 मार्च 2025 तक कोई भी जरूरतमंद बिना मकान के न रहे। आवास प्लस सर्वेक्षण के जरिए सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी योग्य लोगों को योजना का लाभ मिले।"
  • "सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सर्वेक्षण की गति को बढ़ाएं और इसे तय समय सीमा में पूरा करें।"
  •  "अगर कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
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