Railway Late Train: गर्मी की छुट्टियों में मुसाफिरों को राहत देने के लिए चलाई गई समर स्पेशल ट्रेनें अब मुसीबत बन गई हैं। कई ट्रेनें 10 से 34 घंटे तक की देरी से चल रही हैं। ट्रैक कंजेशन, प्लेटफार्म की कमी और रखरखाव की समस्याओं ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है।
Railway Late News: उत्तर भारत की चिलचिलाती गर्मी और छुट्टियों का समय, ऐसे में ट्रेन यात्राओं का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। गर्मी की छुट्टियों के चलते रेलवे द्वारा चलाई जा रही समर स्पेशल ट्रेनें, जिनका उद्देश्य यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देना था, अब यात्रियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही हैं। ये ट्रेनें न केवल घंटों नहीं, बल्कि दिनों तक लेट हो रही हैं, जिससे यात्रियों को असहनीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे बड़ा उदाहरण है रक्सौल-उधना समर स्पेशल (05559) ट्रेन का, जिसे शनिवार सुबह 5:30 बजे रक्सौल से रवाना होना था। लेकिन यह ट्रेन रविवार रात 8:00 बजे रवाना हुई, यानी करीब 38.5 घंटे की देरी से। लखनऊ में इसे शनिवार दोपहर 2:50 बजे पहुंचना था, लेकिन यात्रियों को अब बताया जा रहा है कि यह ट्रेन 34 घंटे की देरी से आएगी। यात्रियों के मन में एक ही सवाल: “क्या हम अपनी मंज़िल तक पहुंच भी पाएंगे?”
विशेष रूप से दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, मुजफ्फरपुर, वाराणसी जैसे व्यस्त रूटों पर ये समस्या अधिक गहराई है। उत्तर भारत के अधिकतर बड़े शहरों को जोड़ने वाली ट्रेनों की हालत समान है।
जहां समर स्पेशल ट्रेनों का उद्देश्य मुसाफिरों को राहत देना था, वहीं वर्तमान स्थिति उन्हें कष्ट और तनाव ही दे रही है। गर्मी में रेलवे यात्रा जितनी जरूरी है, उतनी ही चुनौतीपूर्ण भी होती जा रही है। यदि रेलवे ने त्वरित सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यह "समर सीज़न" यात्रियों के लिए एक "समर संकट" बनकर रह जाएगा।