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UP Road Accident 2025: उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। वर्ष 2025 में अब तक सिर्फ पांच माह में ही राज्य में 13,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें लगभग 7,700 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़ा न केवल दुखद है, बल्कि राज्य में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति को भी दर्शाता है। राज्य के सड़क सुरक्षा और जागरूकता प्रकोष्ठ द्वारा तैयार की गई इस विश्लेषणात्मक रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं अपराह्न (दोपहर 12 से शाम 6 बजे) और शाम (6 से 9 बजे) के बीच होती हैं। इन समयों में होने वाली दुर्घटनाएं सबसे अधिक घातक सिद्ध हो रही हैं।
1 . जनवरी से मई 2025 तक
2. पूरे 2024 में
3 . 2023 की तुलना में
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि हादसों और मौतों की संख्या में साल दर साल वृद्धि हो रही है।
रिपोर्ट में बताया गया कि सभी दुर्घटनाओं में से 60% से अधिक अपराह्न और शाम के समय में हुईं। सबसे गंभीर स्थिति निम्नलिखित समय खंडों में देखी गई:
| समय अवधि | दुर्घटनाएं | मौतें | मुख्य कारण |
| अपराह्न (12PM–6PM) | 4,352 | 2,238 | तेज गर्मी, थकान, गति |
| शाम (6PM–9PM) | 3,254 | 1,945 | ऑफिस के बाद जाम, दृश्यता की कमी |
| सुबह (6AM–12PM) | 2,629 | 1,447 | ऑफिस/स्कूल ट्रैफिक |
| रात (9PM–3AM) | 2,585 | 1,699 | तेज गति, थकान, खाली सड़कें |
| तड़के (3AM–6AM) | 506 | 392 | मृत्यु दर 77% - सबसे अधिक |
तड़के के समय में दुर्घटनाओं की संख्या तो कम थी, लेकिन मृत्यु दर सबसे अधिक रही, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि चालक की थकावट और नींद की कमी कितनी घातक हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा कारण वाहन चालकों की थकान और नींद की कमी है। विशेष रूप से लंबे सफर करने वाले या वाणिज्यिक वाहन चलाने वाले ड्राइवर इस समस्या से ज्यादा प्रभावित होते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कई ठोस सुझाव दिए गए हैं:
1 . संवेदनशील समय में पुलिस तैनाती और अभियान
2. गति नियंत्रण उपकरणों की तैनाती
3. सीसीटीवी निगरानी में सुधार
4 . आपातकालीन सेवाओं की तेज प्रतिक्रिया
5 . चालकों के लिए विश्राम स्थलों की व्यवस्था
6 . वाणिज्यिक वाहन निगरानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को 50% तक कम करने का लक्ष्य घोषित किया है। यह लक्ष्य तभी संभव है जब राज्य, प्रशासन, और आम जनता मिलकर सहयोग करें।
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या केवल आंकड़े नहीं, बल्कि हजारों परिवारों का टूटना है।जब तक हम थकावट, नींद की कमी, तेज गति और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को नजरअंदाज करते रहेंगे, तब तक सड़कें असुरक्षित ही रहेंगी। सरकार, ट्रैफिक विभाग, ड्राइवर, और आम जनता – सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि सड़कें सुरक्षित बनें और अनमोल जीवन बचाया जा सके।
यातायात नियमों का पालन करें – जीवन की रक्षा करें।
"सुरक्षित सफर ही सुखद सफर है।"
Updated on:
26 May 2025 08:25 am
Published on:
26 May 2025 08:19 am
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