Rise Drug Prices: कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के चलते ड्रग प्राइज कंट्रोल अथॉरिटी की अनुमति के बाद दवा कंपनियों ने दवाओं की कीमतों में दस फीसद तक की वृद्धि कर दी है। इस बढ़ोतरी से आम जनता पर आर्थिक भार बढ़ा है, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से शुगर, बीपी और थायराइड जैसी दवाएं लेते हैं।
Rise Drug Prices: ड्रग प्राइज कंट्रोल अथॉरिटी की अनुमति के बाद दवा कंपनियों ने कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि का हवाला देते हुए दवाओं की कीमतों में दस फीसद तक की वृद्धि कर दी है। इस वृद्धि का भार सीधा आम जनता की जेब पर पड़ा है। शुगर, बीपी और थायरॉइड जैसी नियमित रूप से ली जाने वाली दवाओं के दाम बढ़ जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
जानकारों के अनुसार, ड्रग प्राइज कंट्रोल अथॉरिटी के बाहर की कंपनियों ने भी दवाओं के दामों में वृद्धि की है, जिससे रोजमर्रा की दवाओं की कीमतों में ₹5 से ₹27 तक की वृद्धि हो गई है। उदाहरण के लिए, डायजीन 100 एमएल सिरप ₹7 महंगा हो गया है, ब्लड प्रेशर की दवा में ₹27 तक की वृद्धि हुई है, और बुखार की दवा जीरोडॉल एमआर की कीमत में ₹11 का इजाफा हुआ है।
दवा एसोसिएशन के पदाधिकारी का कहना है कि हाल के कुछ महीनों में माल-भाड़ा ढुलाई और कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि हुई है। हालांकि, कुछ रसायनों में मामूली वृद्धि हुई है, जिनका प्रयोग चंद दवाओं में ही किया जाता है। इसके बावजूद, कंपनियां मुनाफा कमाने के लालच में दवाओं की कीमतें बढ़ा रही हैं।
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दवा - पुरानी दर--- नई दर
पैन-40 ₹165 -------₹170
रोसयुवास-10 ₹312 -------₹339
एम्लोकाइंड एटी ₹49 --------₹53
जीरोडॉल एमआर ₹108--- ----₹119
विलजेम एमआर ₹191-- ---₹210