लखनऊ

रन फॉर यूनिटी में गूंजा देशभक्ति का जोश: सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर CM Yogi ने दी एकता की प्रेरणा

Run For Unity : उत्तर प्रदेश में आज सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरे प्रदेश में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन हुआ। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम की शुरुआत की। हजारों छात्र-छात्राओं, एनसीसी कैडेट्स और पुलिसकर्मियों ने एकता के संदेश के साथ दौड़ लगाकर लौह पुरुष को नमन किया।

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Oct 31, 2025
Sardar Patel Jayanti (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )

Run For Unity 2025 : देश के लौह पुरुष और भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती आज पूरे उत्तर प्रदेश में श्रद्धा और जोश के साथ मनाई गई। इस अवसर पर राज्यभर में “रन फॉर यूनिटी” का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों नागरिकों, छात्र-छात्राओं, एनसीसी कैडेट्स और पुलिसकर्मियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजधानी लखनऊ में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद उपस्थिति दर्ज कराई और हरी झंडी दिखाकर इस दौड़ की शुरुआत की। जीपीओ पार्क से केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक आयोजित यह दौड़ एकता, अखंडता और देशभक्ति का प्रतीक बनी।

 लखनऊ में ‘रन फॉर यूनिटी’ का भव्य आयोजन

सुबह-सुबह राजधानी की सड़कों पर देशभक्ति के नारे गूंज उठे। ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’, और ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के उद्घोष के बीच स्कूलों के छात्र-छात्राएं, पुलिस अकादमी के ट्रेनी, एनसीसी कैडेट्स और आम नागरिक दौड़ में शामिल हुए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने जीपीओ पार्क से दौड़ को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि भारत की एकता और अखंडता कितनी कठिन परिस्थितियों में गढ़ी गई थी। सरदार पटेल ने असंभव को संभव कर दिखाया।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरदार पटेल के योगदान के बिना आज भारत का नक्शा वैसा नहीं होता जैसा आज हम देखते हैं। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन की साजिश थी कि भारत को अनेक हिस्सों में बांटा जाए, लेकिन पटेल जी ने अपने दृढ़ संकल्प से 563 रियासतों को एक भारत में जोड़ा।

मंत्री से पूछा – “देर क्यों हुई?

कार्यक्रम के दौरान मंच पर एक हल्का-फुल्का माहौल भी देखने को मिला। जब कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना थोड़ी देर से पहुंचे, तो मुख्यमंत्री योगी ने मुस्कुराते हुए मंच से ही उनसे पूछा- क्यों देर हो गई मंत्री जी? इस पर उपस्थित लोगों के बीच हंसी का माहौल बन गया और मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन उत्सव का है, हम सबको सरदार पटेल की नीतियों को जीवन में अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।

नेहरू ने जम्मू-कश्मीर को विवादित बनाया

मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि जब हैदराबाद और जूनागढ़ के निजाम भारत में विलय से इंकार कर रहे थे, तब सरदार पटेल ने अपने राज नैतिक कौशल और दृढ़ निश्चय से उन्हें भारत का हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा कि पटेल जी ने जब 563 राज्यों को भारत में जोड़ा, तब केवल जम्मू-कश्मीर ही बचा था, जो पंडित नेहरू के पास था। दुर्भाग्य वश उसे विवादित बना दिया गया। योगी ने कहा कि आज भारत जिस अखंडता और ताकत से विश्व मंच पर खड़ा है, वह पटेल जी की राजनीतिक दूरदर्शिता और कठोर नेतृत्व का परिणाम है।

ब्रजेश पाठक का संदेश- “देश को जोड़ने का अभियान है यह दौड़

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी एकता का संदेश देते हुए कहा कि सरदार पटेल ने देश को एक सूत्र में पिरोने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया था। आज उनकी जयंती पर आयोजित यह दौड़ देश विरोधी ताकतों को करारा जवाब है और एकता का सशक्त प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेकर देश की अखंडता, सामाजिक सद्भाव और विकास के लिए कार्य करें।

प्रदेशभर में दिखा उत्साह -- हर जिले में कार्यक्रम

  • सरदार पटेल जयंती का उत्सव केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहा।
  • काशी, प्रयागराज, बरेली, गोंडा, कानपुर, वाराणसी, मेरठ और गोरखपुर सहित सभी जिलों में “रन फॉर यूनिटी” का आयोजन हुआ।
  • काशी में पुलिसकर्मियों और विद्यार्थियों ने तिरंगे झंडे के साथ दौड़ लगाई।
  • बरेली में पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों ने एकता के संदेश के साथ रैली निकाली।
  • गोंडा में भाजपा विधायक प्रतीक भूषण सिंह ने बच्चों के साथ ‘वंदे मातरम्’ गाते हुए कार्यक्रम में भाग लिया।

प्रयागराज में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल बारिश में भीगती हुई पैदल चली और कहा कि एकता की भावना बारिश से भी नहीं रुक सकती। प्रदेश के हर कोने में युवाओं, विद्यार्थियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने सरदार पटेल के आदर्शों को याद किया और भारत की एकता को अक्षुण्ण बनाए रखने का संकल्प लिया।

सरदार पटेल: भारत की एकता के शिल्पकार

कार्यक्रम में वक्ताओं ने सरदार पटेल के जीवन और योगदान का विस्तृत उल्लेख किया। पटेल जी को “भारत का आयरन मैन” कहा जाता है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद देश की 563 रियासतों को एक भारत में जोड़ा। उनके नेतृत्व में ही भारत एक राजनीतिक इकाई के रूप में विश्व पटल पर उभरा। आज भी उनके कार्यों को याद करते हुए लोग मानते हैं कि उनकी दूरदर्शिता और कठोर निर्णय क्षमता ने भारत को विभाजन की साजिश से बचाया।

राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा देश

31 अक्टूबर को हर वर्ष देशभर में “राष्ट्रीय एकता दिवस” (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में इस अवसर पर शपथ ग्रहण समारोह, दौड़ और देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किए गए। सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की शपथ ली।

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