अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपये की कीमत 11 सितंबर को अपने दूसरे सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गई। कारोबार बंद होते समय एक डॉलर की कीमत 84 रुपये को पार कर गई। इस मुद्दे को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर प्रहार किया है।
मुद्रा बाजार में एक डॉलर की कीमत 84.07 रुपये रही। भारतीय मुद्रा का ऐतिहासिक निचला स्तर 84.10 रुपये प्रति डॉलर रहा है। इससे पहले गुरुवार को भी यह 83.98 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी। अब इसे लेकर उत्तर प्रदेश में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
हाल ही में भारतीय मुद्रा ने 84 रुपये प्रति डॉलर के स्तर को पार किया है और अब इसका मूल्य 84.06 रुपये प्रति डॉलर है। इसके पीछे के कारणों को समझना आवश्यक है। वर्तमान में रुपये की गिरावट के दो मुख्य कारण हैं। पहला, पश्चिम एशिया में चल रहा तनाव है। भारत के विदेशी मुद्रा और डॉलर के जमा का एक बड़ा हिस्सा कच्चे तेल के आयात के लिए उपयोग होता है। पश्चिम एशिया में तनाव के कारण भारत के लिए कच्चे तेल का आयात करना कठिन हो रहा है, विशेष रूप से ईरान से। इस स्थिति के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे भारत पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘किसी भी देश की मुद्रा का पतन, अर्थव्यवस्था के पतन का प्रतीक होता है। भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था की बदहाली के ऊपर झूठे आँकड़ों की कितनी भी मोटी परत बिछा दे लेकिन दुनिया के सामने सच खुल ही जाता है’।