Sea plane service:पर्यटक जल्द ही राज्य की झीलों में सी-प्लेन की सवारी का लुत्फ उठा सकेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में राज्य की तीन प्रमुख झीलों में सी-प्लेन उड़ाने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है।
Sea plane service:पर्यटक जल्द ही झीलों में सी-प्लेन की सवारी का आनंद उठा सकेंगे। ये योजना उत्तराखंड की टिहरी झील, नानक सागर और हरिपुरा जलाशय में शुरू होने जा रही है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में इसे मंजूरी मिल गई है। राज्य सरकार क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत सी-प्लेन संचालन की पहल शुरू करने जा रही है। गढ़वाल में सी-प्लेन जौलीग्रांट एयरपोर्ट से टिहरी झील, पंतनगर से नानकसागर और हरिपुरा जलाशय (गदरपुर) में लैंड करेगा। इसके टेंडर की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। झीलों में सी-प्लेन की उड़ान से राज्य में पर्यटन को पंख लगेंगे। इन स्थलों पर पर्यटकों की तादात में भी बढ़ोत्तरी होगी।
पानी से जमीन पर उड़ान भरने वाला सी प्लेन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे लैंड करने के लिए ज्यादा स्पेस की जरूरत नहीं पड़ती। सी-प्लेन 300 से 400 मीटर लंबे जलाशय में आसानी से लैंड कर सकता है। इसमें न्यूनतम नौ सीटें होती हैं। झील या जलाशयों में पर्यटक सी प्लेन पर चढ़ने के लिए वाटरड्रोम का इस्तेमाल करते हैं।
उत्तराखंड में सी-प्लेन के संचालन से चयनित क्षेत्रों में रोजगार के मौके और भी बढ़ेंगे। साथ ही सरकार भी इन इलाकों को विकसित करेगी। पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से ऐसे स्थानों पर स्थानीय लोगों को रोजगार के नये मौके उपलब्ध होंगे। योजना को मंजूरी मिलने से लोगों में खुशी का माहौल है।