KGMU में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना। सीएसआर फंडिंग के तहत आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सोसाइटी का मिला सहयोग।
KGMU: लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में चिकित्सा सेवाओं को उन्नत करते हुए सीएसआर फंड के माध्यम से एक अत्याधुनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) यूनिट की स्थापना की गई है। यह यूनिट आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सोसाइटी के सहयोग से बनाई जा रही है, जिससे राज्य के सैकड़ों गरीब रक्त विकार रोगियों को किफायती दरों पर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी।
केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद जो देश में बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन की अग्रणी मानी जाती हैं, ने इस परियोजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रो. नित्यानंद ने 1999 में उत्तर प्रदेश के पहले सफल बीएमटी का नेतृत्व किया था और तब से ही उन्होंने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगस्त 2023 में केजीएमयू का कुलपति बनने के बाद उन्होंने यहां के किडनी और बीएमटी कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की आवश्यकता को महसूस किया।
बीएमटी यूनिट की स्थापना के लिए 2.75 करोड़ रुपये की लागत का वित्त पोषण आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है। इस सहयोग को लेकर केजीएमयू और इन संगठनों के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसकी औपचारिकता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और केजीएमयू की कुलाधिपति की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुई।
राज्यपाल ने इस मौके पर सीएसआर फंडिंग के तहत इस प्रकार की चिकित्सा सेवाओं के विस्तार और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम राज्य के उन मरीजों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा, जिन्हें रक्त विकार जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है और महंगे इलाज की वजह से वे इससे वंचित रहते हैं।
केजीएमयू की यह नई बीएमटी यूनिट राज्य के गरीब मरीजों के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि यहां बोन मैरो ट्रांसप्लांट की लागत अन्य संस्थानों की तुलना में बहुत कम होगी। यह यूनिट अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी, जिसमें विशेष हेपा-फिल्टर बीएमटी यूनिट भी शामिल है। इससे मरीजों को बेहतरीन सेवाएं मिलेंगी और उनकी चिकित्सा प्रक्रिया में सुरक्षा और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
प्रो. सोनिया नित्यानंद ने अपने कार्यकाल में विभिन्न संस्थानों में अंग और रक्त प्रत्यारोपण केंद्रों की स्थापना पर जोर दिया है। केजीएमयू में भी उन्होंने इस दिशा में नए केंद्रों की शुरुआत की है। इससे पहले, उन्होंने 2003 में एसजीपीजीआई में क्लिनिकल हेमेटोलॉजी और बीएमटी का एक नया विभाग स्थापित किया था। अब, केजीएमयू में यह अत्याधुनिक यूनिट उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता का परिणाम है।
.केजीएमयू में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना।
.सीएसआर फंडिंग के तहत आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन और कैनकिड्स सोसाइटी का सहयोग।
.राज्यपाल की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर।
.सैकड़ों गरीब मरीजों को सस्ती दरों पर इलाज।
.कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद के नेतृत्व में चिकित्सा सेवाओं में सुधार।