20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Lucknow Agriculture Seminar: UP में रबी-2024 की बंपर तैयारी, राज्य स्तरीय गोष्ठी में कृषि उत्पादकता पर अहम मंथन

Lucknow Agriculture Seminar 2024: रबी-2024 के लिए उत्तर प्रदेश में रणनीति तैयार इसके लिए राज्य स्तरीय गोष्ठी में कृषि उत्पादकता पर विचार-विमर्श में आए महत्वपूर्ण सवाल।

3 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Oct 03, 2024

Lucknow Agriculture Seminar 2024

Lucknow Agriculture Seminar 2024

Lucknow Agriculture Seminar 2024: उत्तर प्रदेश में रबी फसल के लिए योजना और तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर के मार्स ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2024 का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, और कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग की उपस्थिति में इस गोष्ठी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए लगभग 600 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रबी-2024 के लिए कृषि योजनाओं और रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा करना था।

यह भी पढ़ें: Ration Card E-kyc: राशन कार्ड की ई-केवाईसी की तिथि 31 दिसम्बर तक बढ़ी, जानें नए नियम

रबी फसल के लिए किसानों को दिए गए निर्देश

गोष्ठी के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसानों को सूचित किया कि 5 अक्टूबर को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त जारी की जाएगी। साथ ही उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करके प्राकृतिक खेती को अपनाएं। मंत्री ने किसानों से फसल बीमा का लाभ उठाने और फसल क्षति की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों को मिलने वाले अनुदान पर राज्य सरकार का लोगो और किसान का नाम अंकित हो।

यह भी पढ़ें: Ayodhya News: अयोध्या में नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा की बिक्री पर रोक, CM योगी का सख्त फरमान

प्रगतिशील किसानों से अपील

उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने गोष्ठी में प्रगतिशील किसानों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्रदान करें और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों और प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।

कृषि उत्पादन आयुक्त का संबोधन

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि 7634 कृषि सखियों को प्रशिक्षित किया गया है, जो कृषि, उद्यान, रेशम और भू-गर्भ जल विभागों के साथ मिलकर किसानों तक योजनाओं और नवीनतम तकनीकी जानकारी को पहुंचाने का कार्य कर रही हैं। इससे न केवल किसानों को उन्नत तकनीक अपनाने का अवसर मिलेगा, बल्कि उनकी आय में वृद्धि भी होगी।

बीज और खाद की पर्याप्त व्यवस्था

गोष्ठी में कृषि निदेशक ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बताया कि राज्य में बीज और खाद की पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है, ताकि बुवाई के समय किसानों को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने पराली प्रबंधन पर भी जोर दिया और अधिकारियों को किसानों को इस विषय में जागरूक करने के निर्देश दिए। पराली जलाने की घटनाओं से बचने के लिए जागरूकता फैलाने का अभियान चलाने की बात भी कही गई।

यह भी पढ़ें: Lucknow Book Fair: बलरामपुर गार्डन में 21वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला, कालजयी साहित्य और अनूदित कृतियों का अनोखा संगम

प्राकृतिक खेती और तकनीकी जानकारी

गोष्ठी के तकनीकी सत्र में कृषि विश्वविद्यालयों, केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान और राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने रबी फसलों जैसे गेहूं, जौ और सब्जियों की खेती पर जानकारी दी। इसके साथ ही, प्राकृतिक खेती की पद्धति को बढ़ावा देने के लिए भी वैज्ञानिकों ने किसानों को जागरूक किया।

जिलों की रबी रणनीति पर चर्चा

गोष्ठी के दौरान, लखनऊ मंडल की मंडलीय गोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव और हरदोई जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की रबी-2024 के लिए बनाई गई योजनाओं पर चर्चा की। इन योजनाओं के तहत किसानों को बेहतर उत्पादन के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने और तकनीकी जानकारी देने पर जोर दिया गया।

यह भी पढ़ें: अयोध्या में रामलला के दर्शन के नियमों में बड़ा बदलाव, 3 अक्टूबर से नई व्यवस्था लागू

उत्तर प्रदेश सरकार की यह राज्य स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी प्रदेश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिसमें कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग और बीज विकास निगम के प्रमुख अधिकारियों ने किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इस आयोजन का उद्देश्य किसानों को नवीनतम तकनीक और योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें फसल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना था। राज्य सरकार की ओर से किसानों को बीज, खाद और तकनीकी सहायता के साथ पराली प्रबंधन की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।