
Ayodhya Navratri Special
Ayodhya Navratri Special: अयोध्या में रामलला के दर्शन की प्रक्रिया में 3 अक्टूबर से कई बड़े बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए भगवान के दर्शन को अधिक सुव्यवस्थित और आसान बनाना है। नवरात्रि के प्रथम दिन से लागू इस नई व्यवस्था के तहत रामलला के मंदिर में मंगला आरती से लेकर संध्या आरती तक के सभी नियमों में बदलाव किए गए हैं। अब श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए कुछ विशेष समय निर्धारित किए गए हैं, ताकि वे भगवान के श्रृंगार और भोग के समय मंदिर में दर्शन कर सकें।
रामलला के दर्शन के नियमों में सबसे बड़ा बदलाव मंगला आरती के समय में किया गया है। अब सुबह 4:30 से 4:40 तक मंगला आरती होगी। इसके बाद, सुबह 4:40 से 6:30 तक भगवान का सिंगार और अभिषेक होगा। 6:30 बजे श्रंगार आरती की जाएगी, जिसके बाद सुबह 7:00 बजे से श्रद्धालुओं के लिए रामलला के दर्शन शुरू हो जाएंगे।
सुबह 9:00 बजे भगवान को बाल भोग अर्पित किया जाएगा, जिसके लिए मंदिर के कपाट 5 मिनट के लिए बंद रहेंगे। इसके बाद, 9:05 बजे फिर से मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। दर्शन का यह सिलसिला 11:45 तक चलता रहेगा। 11:45 से 12:00 बजे तक भगवान के पट पुनः बंद रहेंगे, ताकि भगवान का भोग लगाया जा सके।
दोपहर 12:00 बजे भगवान की भोग आरती होगी और 12:15 बजे भगवान शयन के लिए चले जाएंगे। इस दौरान, 12:30 से 1:30 तक भगवान के कपाट बंद रहेंगे। 1:30 बजे देउठान आरती के बाद फिर से श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे, जो कि शाम 4:00 बजे तक लगातार चलेंगे।
शाम 4:00 बजे मंदिर के पट 5 मिनट के लिए बंद किए जाएंगे और उसके बाद 4:05 से 6:45 तक पुनः दर्शन होंगे। 6:45 से 7:00 बजे तक 15 मिनट के लिए भगवान के कपाट बंद रहेंगे और फिर संध्या आरती की जाएगी। इसके बाद, 7:00 से 8:30 तक लगातार दर्शन किए जा सकेंगे। श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश रात 9:00 बजे बंद कर दिया जाएगा और 9:30 पर भगवान का भोग अर्पित करने के बाद शयन आरती की जाएगी।
इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य रामलला के दर्शन को अधिक व्यवस्थित और संतुलित बनाना है, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का लाभ उठा सकें। साथ ही, भगवान के श्रृंगार और भोग के समय को सम्मान पूर्वक पूरा करने के लिए भी इन नियमों में सुधार किया गया है। अब श्रद्धालु दिनभर भगवान के दर्शन कर सकते हैं, लेकिन विशेष समय में भगवान के पट बंद रहेंगे, ताकि धार्मिक क्रियाकलापों को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।
3 अक्टूबर से लागू इस नई व्यवस्था के तहत, रामलला के दर्शन के नियमों में जो बदलाव किए गए हैं, वे श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हैं। इन नियमों के तहत भक्तों को रामलला के श्रृंगार, अभिषेक, भोग और शयन आरती के समय को ध्यान में रखते हुए दर्शन करना होगा। यह व्यवस्था नवरात्र के पहले दिन से शुरू हुई है और आगे भी इसे जारी रखा जाएगा।
Updated on:
02 Oct 2024 08:28 am
Published on:
02 Oct 2024 08:27 am
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