लखनऊ

श्रीबांके बिहारी जी मंदिर को मिलेगा नया स्वरूप, यूपी सरकार ने पेश किया न्यास विधेयक, परंपराओं में नहीं होगा हस्तक्षेप

UP Monsoon Session: यूपी सरकार ने विधानसभा में ‘श्रीबांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक-2025’ पेश किया है, जिसके तहत मंदिर की संपत्ति, चढ़ावा और प्रशासन का प्रबंधन न्यास करेगा, जबकि धार्मिक परंपराओं में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

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Aug 14, 2025
श्रीबांके बिहारी जी मंदिर को मिलेगा नया स्वरूप | Image Source - Social Media

Shri bankey bihari temple trust bill up government: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को प्रदेश सरकार ने ‘श्रीबांके बिहारी जी मंदिर न्यास विधेयक-2025’ (Shri Bankey Bihari Temple) पेश कर दिया। गुरुवार को इस विधेयक को विधानसभा से मंजूरी मिलने की संभावना है। इस नए कानून के तहत श्रीबांके बिहारी जी मंदिर न्यास मंदिर से जुड़ी सभी संपत्तियों, चढ़ावे और प्रशासन की जिम्मेदारी संभालेगा।

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श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं

बता दें कि, विधेयक के मसौदे में स्पष्ट किया गया है कि न्यास मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण, वरिष्ठ नागरिक मार्ग, पेयजल और अन्य सुविधाएं विश्वस्तरीय स्तर पर उपलब्ध कराएगा। सरकार का कहना है कि इन व्यवस्थाओं का उद्देश्य श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाना है ताकि हर आगंतुक को आरामदायक और सुरक्षित दर्शन मिल सके।

धार्मिक परंपराओं में नहीं होगा हस्तक्षेप

सरकार ने साफ किया है कि न्यास का गठन मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप किए बिना किया जाएगा। मंदिर के सभी धार्मिक अनुष्ठान, त्योहार और रीति-रिवाज पूर्व की तरह जारी रहेंगे। न्यास का कार्य केवल प्रशासनिक और प्रबंधकीय जिम्मेदारियों तक सीमित रहेगा।

मंदिर की संपत्तियों पर न्यास का अधिकार

विधेयक के अनुसार, मंदिर (Shri Bankey Bihari Temple) के चढ़ावे, दान और सभी चल-अचल संपत्तियों पर न्यास का अधिकार होगा। इसमें मंदिर में स्थापित मूर्तियां, देवताओं को दी गई भेंट, धार्मिक समारोहों के लिए दान में मिली संपत्ति, बैंक ड्राफ्ट, चेक, आभूषण, अनुदान, हुंडी संग्रह और अन्य सभी तरह की संपत्तियां शामिल होंगी। यह प्रावधान मंदिर की आर्थिक और भौतिक संपदा को एक ही प्रबंधन के अंतर्गत लाने के लिए किया गया है।

स्वामी हरिदास की परंपरा को संरक्षण

सरकार का कहना है कि यह न्यास स्वामी हरिदास की परंपरा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है। उनके समय से चली आ रही सभी पूजा पद्धतियां, त्योहार और धार्मिक क्रियाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। न्यास दर्शन का समय तय करने, पुजारियों की नियुक्ति, वेतन, भत्ते और अन्य प्रतिकर निर्धारित करने का भी कार्य करेगा। इसके साथ ही मंदिर की सुरक्षा, प्रशासन और प्रभावी प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी भी न्यास पर होगी।

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