Success Mantra: आरती यादव केा मानना है कि परिक्षा में नंबर सफल होने के मानक नहीं हैं। कम नंबर पाने वाले लोग भी आज अच्छी जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं। आप सिर्फ अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें।
Success Mantra: मन में कुछ बड़ा करने की इच्छा हो तो परिस्थितियां मायने नहीं रखती हैं। सीबीएसई की ओर से सोमवार को जारी 12वीं के परिणाम में 98.6 प्रतिशत अंक लाकर माता-पिता का नाम रोशन करने वाली आरती यादव पर यह बात सटीक बैठती है। आरएलबी स्कूल के इंदिरा नगर के सी ब्लॉक की छात्रा आरती के पिता लालू यादव बाटी-चोखा की दुकान लगाते हैं।
आरती बताती हैं, "कड़ी मेहनत और नियमित पढ़ाई से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। शिक्षकों ने जो पढ़ाया उसका रिवीजन किया और टॉपिक को रटने के बजाय समझने का प्रयास किया। परिस्थितियां चाहे जैसी रही हो, घरवालों ने पढ़ाई को लेकर न कभी दबाव बनाया और न ही किसी चीज की कमी महसूस होने दी।"
आरती किसी बेहतर यूनिवर्सिटी से स्नातक कर बैंकिंग सेक्टर में करियर बनाना चाहती हैं। आरती ने अंग्रेजी, इकोनॉमिक्स, बिजनेस स्टडीज एजुकेशन और अकाउंट में 100 में से 98 और आईपी में 100 में से 99 अंक हासिल किए हैं।
आरती का मानना है कि अंकों से किसी व्यक्ति की काबिलियत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। यह उसके सफल होने के मानक नहीं हैं। कम अंक पाने वाले बहुत से लोग आज बेहतर जगहों पर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में खूब मेहनत करें और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें।
आरती के पिता लालू यादव कहते हैं कि वे जीवन में भले ही ऊंचा ओहदा हासिल न कर पाए हों, लेकिन बच्चों को इससे दूर नहीं रखना चाहते थे। उनकी पढ़ाई के लिए गांव छोड़ दिया। वे फुटपाथ पर बाटी-चोखा की दुकान लगाते हैं और एलआईसी का भी काम कर लेते हैं। वे अपनी सारी कमाई बच्चों पर लगाते हैं।
लालू यादव के तीन बेटियां और एक बेटा है। सभी पढ़ने में होनहार हैं। लालू ने बताया कि बड़ी बेटी ने बोर्ड परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक पाए थे। वह अभी एमबीए कर रही है। उससे छोटी बेटी ने बोर्ड में 92 प्रतिशत अंक पाए थे। वह नीट की तैयारी कर रही है। बेटा केकेसी से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। अब सबसे छोटी बेटी आरती ने 98.6 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।