House Tax Dues: लखनऊ नगर निगम ने उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय को 79.06 लाख रुपये के बकाया हाउस टैक्स का भुगतान न करने पर सील कर दिया। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद टैक्स नहीं चुकाया गया, जिसके चलते नगर निगम ने यह सख्त कदम उठाया। इस कार्रवाई से अन्य सरकारी विभागों में भी जागरूकता बढ़ेगी।
Tax Notice Uttar Pradesh Sports Directorate: हाल ही में लखनऊ नगर निगम ने हाउस टैक्स बकाया होने के कारण उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय की संपत्ति को सील कर दिया है। खेल निदेशालय पर 79,06,192 रुपये का हाउस टैक्स बकाया था, जिसे जमा न करने पर यह कार्रवाई की गई। यह कदम नगर निगम की बढ़ती सख्ती को दर्शाता है, जो बड़े बकायेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठा रहा है।
लखनऊ नगर निगम ने हाल के महीनों में हाउस टैक्स बकायेदारों के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। जनवरी 2025 में, नगर निगम ने 100 से अधिक भवनों और व्यावसायिक संपत्तियों को सील किया था, जिन पर हाउस टैक्स बकाया था।इसके अलावा, फरवरी 2025 में, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पांच भवनों को 1.70 करोड़ रुपये के बकाया हाउस टैक्स के कारण सील किया गया था।
खेल निदेशालय की संपत्ति की सीलिंग से यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम सरकारी विभागों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचा रहा है। यह कदम अन्य सरकारी विभागों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है कि वे समय पर अपने बकाया टैक्स का भुगतान सुनिश्चित करें।
नगर निगम ने बड़े बकायेदारों के खिलाफ कुर्की और सीलिंग की कार्रवाई को प्राथमिकता दी है। इसका उद्देश्य नगर निगम के राजस्व में वृद्धि करना और शहर के विकास कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि सुनिश्चित करना है।
नगर निगम की इस सख्त कार्रवाई को जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कुछ लोग इसे आवश्यक कदम मानते हैं, जिससे सरकारी विभागों में जवाबदेही बढ़ेगी। वहीं, कुछ लोग इसे अत्यधिक कठोर मानते हैं, विशेषकर जब यह सार्वजनिक सेवाओं से जुड़े विभागों पर लागू होता है।
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि बकाया टैक्स का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया, तो सील की गई संपत्तियों की नीलामी भी की जा सकती है। यह कदम अन्य बकायेदारों के लिए एक सख्त संदेश है कि वे समय पर अपने टैक्स का भुगतान करें।
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लखनऊ नगर निगम की यह कार्रवाई शहर में टैक्स भुगतान की संस्कृति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के बकायेदारों को समय पर टैक्स भुगतान के प्रति जागरूक करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।