Lucknow Triple Suicide Ashrafabad area: लखनऊ के अशरफाबाद इलाके में पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी ने एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जान ले ली। शोभित रस्तोगी, उनकी पत्नी और बेटी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
Lucknow Triple Suicide: लखनऊ के चौक थाना क्षेत्र स्थित अशरफाबाद इलाके में एक ही परिवार के तीन सदस्यों द्वारा सामूहिक आत्महत्या की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मृतकों की पहचान शोभित रस्तोगी, उनकी पत्नी सुचिता रस्तोगी और बेटी के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तीनों ने कथित रूप से जहर खाकर आत्महत्या की। घटना के बाद से इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोगों के बीच गहरा शोक और हैरानी है। स्थानीय लोग इस परिवार को शांत और सामान्य मानते थे, लेकिन अचानक सामने आई इस त्रासदी ने सबको झकझोर कर रख दिया है।
रविवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि अशरफाबाद क्षेत्र में एक घर में परिवार के तीन सदस्यों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पड़े हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि तीनों शव अलग-अलग कमरों में पड़े थे। मौके पर कोई संघर्ष या हिंसा के निशान नहीं मिले। फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वॉड को भी मौके पर बुलाया गया। कमरे में एक खाली जहर की शीशी मिलने के बाद आत्महत्या की आशंका और मजबूत हुई। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और विसरा परीक्षण के बाद ही कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
मृतक शोभित रस्तोगी (42) पेशे से एक छोटी दुकान चलाते थे। उनकी पत्नी सुचिता (38) गृहिणी थीं और बेटी प्रीति (16) कक्षा 11वीं की छात्रा थी। तीनों मिलकर इसी मकान में रहते थे। परिवार मध्यमवर्गीय था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से आर्थिक समस्याओं और पारिवारिक तनाव से जूझ रहा था। पड़ोसियों के अनुसार, शोभित अक्सर आर्थिक समस्याओं की बात करते रहते थे। उन्होंने कुछ महीने पहले दुकान में घाटे के चलते ऋण लिया था, जिसकी किस्तें समय से नहीं दे पा रहे थे। इसके अलावा, पति-पत्नी के बीच भी अंतर्कलह की खबरें थीं।
पड़ोसी सुरेश वर्मा ने बताया कि "हमने कभी नहीं सोचा था कि इतना शांत परिवार ऐसा कदम उठाएगा। दोपहर से घर में कोई हलचल नहीं थी, शाम को जब दरवाजा नहीं खुला, तो शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गई।" एक अन्य पड़ोसी महिला ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों से घर में अजीब सन्नाटा रहता था। बेटी को भी स्कूल जाते कम ही देखा गया। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि शोभित और उनकी पत्नी के बीच कई बार बहस की आवाजें सुनी जाती थीं।
चौक थाना प्रभारी ने जानकारी दी कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा "घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हो रही है, लेकिन हम हत्या या अन्य कोणों को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते।" पुलिस ने परिवार के रिश्तेदारों, मित्रों और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू कर दी है। मोबाइल फोन, लैपटॉप, और घर में मिले कागजात की डिजिटल फॉरेंसिक जांच की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं दुर्लभ तो होती हैं लेकिन इसके पीछे अक्सर गंभीर मानसिक अवसाद, सामाजिक अलगाव, आर्थिक असुरक्षा और पारिवारिक दबाव प्रमुख कारण होते हैं। डॉ. सुमेधा श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक, कहती हैं कि "कई बार व्यक्ति को लगता है कि वह अपने प्रियजनों को समस्याओं से नहीं निकाल सकता, तो वह एक साथ उन्हें भी अपने साथ ले जाने का निर्णय ले लेता है। यह खतरनाक मानसिक स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति का सोचने का तरीका असामान्य हो जाता है।"
इस दुखद घटना में पूरे परिवार की जान चली गई। शोभित के माता-पिता पहले ही गुजर चुके थे और उनके कोई भाई-बहन लखनऊ में नहीं रहते। फिलहाल उनके कुछ रिश्तेदार बाहर शहरों से लखनऊ पहुंचने वाले हैं। पुलिस उनके बयानों के आधार पर आगे की जांच को दिशा देगी।