लखनऊ

UP Assembly Winter Session: 19 से 24 दिसंबर तक चलेगा सत्र, 22 को अनुपूरक बजट होगा पेश

UP Assembly Winter Session 2025 : उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। 19 से 24 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में अनुपूरक बजट, विधायी कार्य और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। पहले दिन दिवंगत पूर्व विधायक सुधाकर सिंह के निधन पर शोकसभा के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित रही।

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Dec 19, 2025
यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू, पहले दिन शोकसभा, 24 दिसंबर को बजट पर विस्तृत चर्चा (फोटो सोर्स : Ritesh Singh फाइल फोटो )

UP Assembly Winter Session Begins Today: उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। यह सत्र 19 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के दौरान राज्य सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी, वहीं कई अहम विधायी और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि शनिवार और रविवार को अवकाश होने के कारण सदन की कार्यवाही सीमित दिनों तक ही संचालित होगी, जिससे सत्र को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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पहले दिन शोक सभा, कार्यवाही स्थगित

शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही पूर्व विधायक स्वर्गीय सुधाकर सिंह के निधन पर शोक सभा से शुरू हुई। शोकसभा में विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष समेत सभी दलों के विधायकों ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद परंपरा के अनुसार पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस कारण पहले दिन कोई विधायी कार्य नहीं हुआ।

सीमित समय, लेकिन अहम एजेंडा

इस बार शीतकालीन सत्र का समय भले ही कम हो, लेकिन एजेंडा बेहद अहम है। सरकार जहां अनुपूरक बजट के माध्यम से विकास योजनाओं को गति देने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष सरकार को कानून-व्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है। शनिवार और रविवार (21-22 दिसंबर) को अवकाश होने के चलते सदन की वास्तविक कार्यवाही चार दिन ही हो पाएगी, ऐसे में हर दिन की कार्यवाही काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

22 दिसंबर को पेश होगा अनुपूरक बजट

शीतकालीन सत्र का सबसे अहम दिन 22 दिसंबर माना जा रहा है। इसी दिन सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। माना जा रहा है कि इस बजट में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और कानून-व्यवस्था से जुड़ी योजनाओं के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए जाएंगे। वित्त विभाग के सूत्रों के मुताबिक, सरकार कई नई योजनाओं के लिए भी धन आवंटन कर सकती है, वहीं पहले से चल रही योजनाओं के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की जाएगी।

वंदे मातरम पर होगी विशेष चर्चा

22 दिसंबर को ही सदन में ‘वंदे मातरम’ विषय पर विशेष चर्चा भी प्रस्तावित है। यह चर्चा सांस्कृतिक और राष्ट्रभाव से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहेगी। सत्ता पक्ष इसे राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़कर पेश करेगा, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक एजेंडे से जोड़कर सवाल उठा सकता है।

23 दिसंबर को विधायी कार्यों का निपटारा

सत्र के दौरान 23 दिसंबर को सदन में विभिन्न विधायी कार्य पूरे किए जाएंगे। इसमें विधेयकों को पारित करना, नियमों में संशोधन और अन्य सरकारी प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं। सरकार की कोशिश रहेगी कि सीमित समय में अधिक से अधिक विधायी कार्यों को निपटाया जाए।

24 दिसंबर को अनुपूरक बजट पर विस्तृत चर्चा

शीतकालीन सत्र का अंतिम और सबसे अहम दिन 24 दिसंबर होगा। इस दिन सदन में पेश किए गए अनुपूरक बजट पर विस्तृत चर्चा होगी। विपक्ष सरकार के बजट प्रावधानों पर सवाल उठाएगा, वहीं सत्ता पक्ष सरकार की उपलब्धियों और विकास कार्यों का ब्योरा रखेगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बजट पर चर्चा के दौरान सदन का माहौल गरम रह सकता है और तीखी बहस देखने को मिलेगी।

विपक्ष के तेवर सख्त

सत्र से पहले विपक्ष ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वह सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। सपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कानून-व्यवस्था, महंगाई, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और बेरोजगारी को प्रमुख मुद्दा बनाएंगे। नेता प्रतिपक्ष की ओर से कहा गया है कि सरकार जमीनी हकीकत से दूर है और सत्र के दौरान जनता की आवाज को मजबूती से उठाया जाएगा।

सरकार का फोकस विकास और सुशासन

वहीं सरकार की ओर से कहा गया है कि शीतकालीन सत्र पूरी तरह विकास, सुशासन और जनकल्याण पर केंद्रित रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं कि सदन में पूछे जाने वाले सवालों का जवाब तथ्यों और आंकड़ों के साथ दिया जाए। सरकार का दावा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बेहतर हुई है और विकास योजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

शीतकालीन सत्र को देखते हुए विधानसभा परिसर और आसपास के इलाकों में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। विधायकों और मंत्रियों की आवाजाही को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।

राजनीतिक दृष्टि से अहम सत्र

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सत्र आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2027 की रणनीति के लिहाज से भी अहम है। सरकार जहां अपनी उपलब्धियां गिनाने का प्रयास करेगी, वहीं विपक्ष सरकार को घेरकर सियासी बढ़त लेने की कोशिश करेगा।

जनता की नजरें सदन पर

कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र भले ही अवधि में छोटा हो, लेकिन राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। अनुपूरक बजट, विधायी कार्य और सदन में होने वाली बहसें आने वाले दिनों की राजनीति की दिशा तय कर सकती हैं।

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