UP ATS,Bilal Khan: उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार सहारनपुर निवासी बिलाल खान की रिमांड में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बिलाल अलकायदा इन इंडिया सब-कांटिनेंट से जुड़कर पाकिस्तान स्थित हैंडलर के संपर्क में था और करीब 4000 पाकिस्तानी नंबरों से संवाद कर आतंकी हमलों की साजिश रच रहा था।
UP ATS Busts Major AQIS Terror Link: उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए सहारनपुर निवासी बिलाल खान से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बिलाल अल कायदा इन इंडिया सब-कांटिनेंट (AQIS) के पाकिस्तान स्थित हैंडलर के संपर्क में था और भारत में आतंकी हमले की योजनाओं पर काम कर रहा था। एटीएस ने 4 नवंबर को उसे रिमांड पर लिया, जिसके बाद मिले डिजिटल सबूतों और मोबाइल डाटा एनालिसिस में पता चला कि बिलाल करीब 4000 पाकिस्तानी मोबाइल नंबरों से संपर्क में रहकर सक्रिय आतंकी नेटवर्क का हिस्सा बना हुआ था। उसकी भूमिका केवल संवाद तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह जमीन पर ‘हिंसात्मक जिहाद’ करने की योजना बना रहा था, जिसका उद्देश्य देश की लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़कर शरिया शासन स्थापित करना था।
एटीएस ने सहारनपुर के तीतरों नकुड़ क्षेत्र के ग्राम पापरी निवासी बिलाल खान को 15 सितंबर को मेरठ से गिरफ्तार किया था। सुरक्षा कारणों से इस गिरफ्तारी को सार्वजनिक नहीं किया गया। बाद में 4 नवंबर को जब बिलाल को रिमांड पर लिया गया, तब उसकी आतंकी संलिप्तता और नेटवर्क से जुड़े ठोस प्रमाण सामने आए। एटीएस सूत्रों के अनुसार, उसके मोबाइल में हजारों विदेशी नंबरों के बीच पाकिस्तानी आतंकियों और AQIS से जुड़े कई संपर्क सेव थे। वह नियमित रूप से ऑनलाइन एप्लिकेशनों के माध्यम से एन्क्रिप्टेड चैट करता था।
ओसामा और अयमान अल-जवाहिरी के करीबी सहयोगी से प्रभावित था बिलाल
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि बिलाल AQIS के पहले चीफ और संभल के निवासी आसिम उमर संभली से गहरी प्रेरणा लेता था। आसिम उमर वही व्यक्ति था जिसे ओसामा बिन लादेन और अयमान अल-जवाहिरी ने AQIS का संस्थापक प्रमुख नियुक्त किया था।
बिलाल सोशल मीडिया पर आसिम उमर के भाषण, कट्टरपंथी वीडियो, जिहादी विचारधारा और प्रेरक संदेश लगातार साझा करता था। उसके कई पोस्ट भारत विरोधी, सेना विरोधी और आतंकियों को महिमामंडित करने वाले पाए गए। एटीएस के अनुसार, वह पहलगाम में भारतीय सेना पर हुए आतंकी हमले के बाद मारे गए आतंकियों को ‘शहीद’ बताकर उनकी प्रशंसा कर रहा था।
मोबाइल फॉरेंसिक टीम के अनुसार, बिलाल ऑनलाइन माध्यमों से करीब 4000 पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था। इनमें कई नंबर पाकिस्तान के पेशावर, फैसलाबाद, खैबर पख्तूनख्वा और कराची से जुड़े मिले। उनमें से कई नंबर AQIS की गतिविधियों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
बिलाल इन निर्देशों का पालन करते हुए लगातार भारत विरोधी सामग्री शेयर करता था और अपने ही इलाके में कुछ युवाओं को प्रभावित करने का प्रयास भी कर रहा था।
आईजी कानून-व्यवस्था एल.आर. कुमार ने बताया कि बिलाल ने कई सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे, जिनमें पाकिस्तानी यूजर्स और कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़े लोग शामिल थे। वह इन ग्रुपों में भारत विरोधी वीडियो, आतंकियों की प्रशंसा, पाकिस्तान सेना के सपोर्ट वाले पोस्ट साझा करता था। वह भारतीय सेना को अपमानजनक शब्दों से संबोधित करता था और जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की बात लिखता था। उसके ग्रुपों में कई अत्यधिक कट्टरपंथी वीडियो पाए गए।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि बिलाल ने AQIS के लिए ‘बैयत’ यानी निष्ठा की शपथ भी ली थी। यह शपथ उसने पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर से ऑनलाइन माध्यम से ली थी। यह शपथ एक आतंकी संगठन के प्रति अपनी वफादारी को दर्शाती है।घरेलू स्तर पर आतंकी मॉड्यूल खड़ा करने की तैयारी कर रहा था। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि बिलाल भारत में छोटे मॉड्यूल बनाकर स्थानीय स्तर पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश में था। इसके लिए वह कट्टरपंथी विचारधारा फैलाना।
उन्हें ऑनलाइन प्रशिक्षण दिलाना और अंततः हिंसक गतिविधियों के लिए उकसाने जैसी प्रक्रिया पर काम कर रहा था। हालांकि शुरुआती जांच में पता चला है कि उसके आस-पास के लोग उसकी गतिविधियों से अनजान थे। एटीएस खोज रही है बिलाल के सहयोगियों को जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि बिलाल किन-किन लोगों से मिला करता था।
एटीएस को मिले कुछ पोस्ट बेहद गंभीर हैं। जैसे,हिंसात्मक जिहाद से ही शासन बदला जा सकता है। मोरक्को से फिलीपींस तक मुजाहिदीन हमारे साथ हैं। ऐसी पोस्ट AQIS द्वारा प्रचारित कट्टर विचारधारा का हिस्सा होती हैं, जो युवाओं को हिंसा की ओर प्रेरित करती हैं।
सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित आसपास के क्षेत्रों में पुलिस को सख्त निगरानी रखने के निर्देश जारी किए गए हैं। एटीएस ने स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त बैठक भी की है।
अधिकारियों का मानना है कि बिलाल सिर्फ एक मोहरा हो सकता है। उसके पीछे और भी लोग हो सकते हैं जो भारत विरोधी गतिविधियों को फंड और निर्देश देते हैं। एटीएस के अनुसार, यह सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में कई और नाम सामने आ सकते हैं।