UP Electric Vehicle: उत्तर प्रदेश ने इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दौड़ में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। 4.14 लाख से अधिक ईवी के साथ यह राज्य नंबर एक पर पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों व चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास ने इसे भारत का अग्रणी EV राज्य बना दिया है।
UP Electric Vehicle Scheme Number One: देश में तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के बीच उत्तर प्रदेश ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। 4.14 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ इसने दिल्ली (1.83 लाख) और महाराष्ट्र (1.79 लाख) जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है। यह न सिर्फ उत्तर प्रदेश के लिए बल्कि भारत के इलेक्ट्रिक भविष्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण जैसी पर्यावरणीय समस्याओं से जूझते विश्व के लिए इलेक्ट्रिक वाहन एक व्यवहारिक और सतत समाधान के रूप में उभरे हैं। पेट्रोल-डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करने, कार्बन उत्सर्जन घटाने और नॉइज़ पॉल्यूशन पर नियंत्रण पाने के लिए ईवी एक जरूरी कदम बन गया है। उत्तर प्रदेश ने इस बदलाव की दिशा में एक अग्रणी भूमिका निभाई है।
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल संख्या में सबसे बड़ा योगदान ई-रिक्शा का है। ईवी बिक्री में 85% हिस्सेदारी तीन-पहिया ई-रिक्शा की है। ये खासकर शहरी क्षेत्रों में यात्रियों और सामान ढोने के लिए बेहद कारगर साबित हुए हैं। अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और कानपुर जैसे शहरों में ई-रिक्शा की भारी मांग देखी जा रही है, जिससे आम जनता को सस्ते और पर्यावरण अनुकूल ट्रांसपोर्ट का विकल्प मिला है।
उत्तर प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों में ईवी का तेजी से उपयोग देखा गया है। अयोध्या, जहां राम मंदिर बनने के बाद पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, वहां सरकार सबसे अधिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने जा रही है। इससे ना केवल पर्यटन को बल मिलेगा बल्कि पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार: 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित कर ईवी निर्माण और बैटरी टेक्नोलॉजी में राज्य को आत्मनिर्भर बनाना।10 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन करना। यह निवेश सिर्फ चार्जिंग स्टेशन या वाहन निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि बैटरी निर्माण, रिसर्च और डेवलपमेंट, स्किल डवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और ईवी लॉजिस्टिक्स को भी कवर करता है।
उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार की FAME India Scheme – फेम 1 और फेम 2 (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) का सबसे बड़ा लाभार्थी माना जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से:
| राज्य | इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की संख्या |
| उत्तर प्रदेश | 4.14 लाख+ |
| दिल्ली | 1.83 लाख |
| महाराष्ट्र | 1.79 लाख |